जानकारी के अनुसार करीब दो साल पहले मानसिक अवसाद की स्थिति में सूरी देवी (45) घर से निकल गई। सूरी देवी के घर से निकलने के बाद पति सहित अन्य परिजनों ने सभी जगह तलाश की, लेकिन पता नहीं चल सका। दो साल के बाद भी तलाश पूरी नहीं हुई तो सूरी देवी को मृत मान लिया। गांव के रीति रिवाज के अनुसार इनका श्राद्ध तय हो गया था। दो दिन पहले अपना घर आश्रम भरतपुर ने थाने के माध्यम से सूरी देवी के घर सूचना भिजवाई कि सूरी देवी अपना घर आश्रम में सकुशल हैं। यह खबर सुनते ही पति सहित अन्य परिजनों की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। सूरी देवी को 17 जून 2021 को मानव सेवा चैरीटेबल ट्रस्ट की ओर से यहां भर्ती कराया गया था।
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इससे पहले यह कई जगह भटकती रहीं। अपना घर आश्रम में इनका उपचार चला तो स्वास्थ्य में सुधार हुआ। इसके बाद इन्होंने अपना पता बताया। पते पर अपना घर की पुर्नवास टीम ने स्थानीय थाने पर सूचना भिजवाई। इसके बाद सूरी देवी को लेने उनके पति डेडू बडोले एवं भतीजा प्रेमलाल निवासी मोरानी बडवानी मध्यप्रदेश आए। सूरी को इनके सुपुर्द कर दिया।
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बेटियों को थी आस, जरूर लौटेगी मां
पति के साथ अन्य परिजनों ने सूरी देवी के घर लौटने की उम्मीद छोड़ दी थी। हर कोई यह कहता था कि अब उसका लौटना संभव नहीं है। परिजन कहते थे कि संभवतया सूरी देवी की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन सूरी देवी की बेटियों को उम्मीद थी कि मां एक दिन जरूर लौटेगी। हालांकि सूरी देवी के बिछुड़ने के बाद उनके पिता ने दोनों बेटियों की शादी कर दी, लेकिन मां के सकुशल मिलने की सूचना ने बेटियों की मानो मुराद ही पूरी कर दी।