27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

9 माह की सजा के खिलाफ 19 साल तक लंबित रही अपील

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने लापरवाही से वाहन चलाने के कारण हुई दुर्घटना में मौत के मामले में नौ माह की सजा के खिलाफ 19 साल से लंबित अपील का निस्तारण कर दिया।

less than 1 minute read
Google source verification
Rajasthan High Court

Rajasthan High Court

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने लापरवाही से वाहन चलाने के कारण हुई दुर्घटना में मौत के मामले में नौ माह की सजा के खिलाफ 19 साल से लंबित अपील का निस्तारण कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि वे अधीनस्थ अदालत की ओर से दिए गए आदेश पर हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं, लेकिन मामला लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ता लंबी मुकदमेबाजी का दर्द झेल चुका। इसलिए उसे भुगती गई सजा के आधार पर सजा से मुक्त किया जा रहा है।न्यायाधीश बिरेन्द्र कुमार ने सेडू राम की अपील का निस्तारण करते हुए यह आदेश दिया।

अधिवक्ता प्रवीण बलवदा ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थी के खिलाफ झुंझुनूं के उदयपुरवाटी थाने में वर्ष 1994 में लापरवाही से गाडी चलाने के कारण टक्कर में साइकिल सवार की मौत के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304-ए, 279 और धारा 337 के अंतर्गत आरोप पत्र पेश किया, जिस पर 12 नवंबर 2003 को अधीनस्थ अदालत ने याचिकाकर्ता को दोषी मानते हुए नौ माह की सजा और पांच सौ रुपए जुर्माने से दंडित किया।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने भी 16 जनवरी, 2004 को अपील को निरस्त कर अधीनस्थ अदालत के आदेश को बरकरार रखा। इन दोनों आदेशों के खिलाफ 2004 में मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जिस पर अब हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की सजा को भुगती हुई सजा की अवधि तक सीमित कर अपील का निस्तारण कर दिया।