
Jaipur Art Week 2025 Programme: अपने पुरखों की विरासत को संभालो, वरना अबकी बारिश में ये दीवार भी गिर जाएगी। कुछ ऐसे ही जज्बातों को लेकर दुनियाभर के जाने-माने आर्टिस्ट कलानगरी जयपुर में जुटे। मौका, रहा सोमवार को पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित जयपुर आर्ट वीक के आगाज का। राजस्थान पत्रिका के सपोर्ट से आयोजित जयपुर आर्ट वीक की शुरुआत जलमहल की खूबसूरत आबोहवा के बीच हुई। कलाकारों ने कला के जरिए अनूठी शैली में जयपुरवासियों को विरासत को सहेजने का मैसेज दिया। कलाकारों ने अपनी अभिव्यक्ति को स्कल्पचर्स, तस्वीरों और टेक्सचर्स के माध्यम से ऐसे दर्शाया कि आर्टलवर्स जयपुर आर्ट वीक के चौथे सीजन के कारवां में बंध से गए। ‘आवतो बायरो बाजे: द थंडर्स रोर ऑफ एन एंपेंडिंग स्टोर्म’ थीम पर जयपुर आर्ट वीक आयोजित किया जा रहा है।
सुबह 11 बजे पत्रिका गेट पर सोशल डिजाइन एक्स नेला इंस्टॉलेशन का प्रदर्शन होगा।
11 बजे जेकेके की सुकृति आर्ट गैलेरी में कलाकार एड्रियन फर्नांडीज कला का प्रदर्शन करेंगे। शिल्पा बवाने जयपुर की हवेलियों के आर्किटेक्चर को दर्शाएंगी। अलंकार आर्ट गैलेरी में मानसी शाह इंस्टॉलेशन वर्क शोकेस करेंगी। हर्षित अग्रवाल एआइ पर कला का प्रदर्शन करेंगे। यहीं पर वलय गाडा की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
दोपहर 12:30 बजे अलंकार आर्ट गैलेरी में पैनल डिसकशन होगा। एमा समनेर मॉडरेट करेंगी।
दोपहर 2:30 आम्रपाली यूजियम में कलाकार नताशा सिंह योग पर बात करेंगी। शाम 4 बजे कुम कुम फर्नांडो की वर्कशॉप होगी।
अल्बर्ट हॉल पर ईरानी कलाकार अरजू जरगर की 'हार्मनी गैलेक्सी' थीम वॉक थू हुई। इसमें कलाकार अरजू जरगर ने बताया कि हार्मनी गैलेक्सी सिरेमिक इंस्टॉलेशन है. जिसमें 1727 बिना जली गुलाबी रंग की मोमबत्तियां है, जो जयपुर के स्थापना वर्ष से प्रेरित हैं। यह कृति साझा धरोहर और कहानी कहने का उत्सव है। हर एक मोमबत्ती अपनी झिलमिलाती चमक के साथ सूरज की रोशनी को परिवर्तित करती है। अल्बर्ट हॉल पर ही टेक्सटाइल आर्टिस्ट टिंकल खत्री की 'लुक हाउ आई एम मॉर्फिग अंडर द सन' वॉक थू हुई। इसमें प्राकृतिक रंगों से रंगे ब्लॉक-प्रिंटेड कपड़ों पर राजस्थान की पारंपरिक कारीगरी की खूबसूरती नजर आई। सोशल डिजाइन कोलैबरेटिव ने सीड्स ऑफ यस्टरडे, टुमॉरो प्रस्तुत किया।
पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट ऑफ इंडिया की संस्थापक अध्यक्ष सना रिजवान ने बताया कि जयपुर आर्ट वीक इस शहर के लिए किसी गिट से कम नहीं है। इसकी स्थापना नई पीढ़ी के कंटेपरेरी कलाकारों को मंच प्रदान करने और जयपुर के आर्ट लवर्स को कंटेपरेरी कला से जुडऩे के लिए बनाया गया है। इसमें आठ दिनों तक पूरे जयपुर शहर में कलात्मक कला के रंग दिखाई देंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
हैरिटेज नगर निगम और लिवरपूल बाइनियल और आर्टिस्ट नंदन घीया के संयुक्त तत्वावधान में जलमहल की लहरों के पास ’मंथन’ आर्टिस्ट वॉक थ्रू का आयोजन हुआ। समुद्र मंथन से प्रेरित स्कल्पचर्स, तस्वीरें और टेक्सचर्स को डिस्प्ले किया गया। कलाकार घीया ने स्कल्पचर्स के जरिए हैरिटेज को बचाने की सीख दी। डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफर निशांत घीया ने ’इधर-उधर’ फोटो एग्जिबिशन में जलमहल के इर्द-गिर्द बदलती जिंदगियों को ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों के जरिए शोकेस किया।
हवामहल में कनाडा की कलाकार मोनिक रोमेको के साथ ’पैसेजेस’ थीम वॉकथ्रू हुई। इसमें मेमोरी लॉस और अदृश्यता थीम को केंद्रित रखते हुए परफॉर्मेंस और इंस्टॉलेशन को प्रस्तुत किया गया। इस दौरान देसी-विदेशी पर्यटकों के बीच जैसी ही विरासत की कहानी को दर्शाते पर्दे गिरने लगे तो कलाप्रेमियों को खूबसूरती का आभास होने लगा।
जयपुर की कंटेपरेरी डांसर कमाशी सक्सेना ने इन पर्दों के इर्द-गिर्द डांस मूव्स करके बताया कि हर एक इमारत हर किसी के लिए खास होती है।
1960 के दशक में बाईस्कोप मनोरंजन का जरिया होते थे। वुडन कार्ट में लोग बायोस्कोप लेकर इधर—उधर घूमते थे। डमरू बजाकर बोलते थे तमाशा देखिए, तमाशा देखिए, बस यहीं से मुझे आइडिया आया कि मैं भी बायोस्कोप के जरिए फिल्मी कहानी को लोगों तक लेकर जाऊं। यह कहना है स्टोरीटेलर विनायक मेहता का, जिन्होंने गोलेछा सिनेमा में ’टुगेदर थ्रू द सिनेमा’ पर संवाद किया। उन्होंने बताया कि उनकी फिल्म सिर्फ एक मिनट की है, जिसका नाम ’मिलन’ है।
प्राचीन अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही शहर की इमारतों की कहानी को जयपुर आर्ट वीक में कलाकारों ने आर्ट इंस्टॉलेशन के जरिए दर्शाया है, वो वाकई खूबसूरत है। जयपुर के कलाकार नंदन घीया ने समुद्र मंथन से प्रेरित स्कल्पचर्स में इतिहास को समेटकर एक ऐसी कहानी गढ़ी है, जिसे देखकर परकोटे पर गर्व किया जा सकता है। निशांत घीया ने ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों में जलमहल की दिनचर्या को दर्शाया।हवामहल के झरोखों के बीच कनाडा की कलाकार मोनिक रोमेको की ’पैसेजेस’ थीम वॉकथ्रू भी खास रही। वहीं अल्बर्ट हॉल पर ईरानी कलाकार अरजू जरगर के साथ ’हार्मनी गैलेक्सी’ की वॉक थ्रू में 1727 हस्तनिर्मित सेरेमिक मोमबत्तियों का इंस्टॉलेशन भी देखने लायक रहा। कुल मिलाकर जयपुर आर्ट वीक कला के नए आयाम स्थापित करने की ओर अग्रसर है।
मुकेश शर्मा, वरिष्ठ चित्रकार
Published on:
28 Jan 2025 08:38 am
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