चतुर्वेदी ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मांग की ईएसआई हॉस्पिटल सघन आबादी क्षेत्र में स्थित है। साथ ही इस अस्पताल में राज्य सरकार व केंद्र सरकार के बड़ी संख्या में सेवानिवृत कर्मचारी भी इलाज के लिए आते है। कोविड हॉस्पिटल बनाने से बड़ी संख्या में आने वाले मरीजों को असुविधा होगी।
चतुर्वेदी ने कहा की सबसे गंभीर बात है कि इस अस्पताल के परिसर में ही स्टाफ के परिवार के लगभग 600 लोग रहते हैं। इसको डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाने से सभी में भय का वातावरण बन गया है। समझ में नही आ रहा कि राज्य सरकार अपने अव्यावहारिक निर्णयों से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी कर क्यों नंबर वन बनाने पर तुली हुई है। अब तक जो आग परकोटे तक रुकी हुई है क्यों उसको सारे जयपुर में फैलाना चाहती है। आपको बता दें कि हाथी बाबू का हत्था में भी कोरोना संक्रमितों को एक होटल में क्वारेंटाइन करने का चतुर्वेदी विरोध कर चुके हैं।