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‘जाति देखकर किए तबादले’, सदन में लौटते ही गरजे कांग्रेस MLA मुकेश भाकर, बोले- जनता गांवों में घुसने नहीं देगी

Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन कांग्रेस के निलंबित विधायक मुकेश भाकर की छह महीने बाद सदन में वापसी हुई।

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Congress MLA Mukesh Bhakar

Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन कांग्रेस के निलंबित विधायक मुकेश भाकर की छह महीने बाद सदन में वापसी हुई। सदन में लौटते ही मुकेश भाकर ने सरकार पर तबादलों में जातीय भेदभाव का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार जाट अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर जाति देखकर कर रही है।

विधानसभा में अपनी बात रखते हुए लाडनूं विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि आप लोगों ने शेखावाटी और मारवाड़ में जाट समाज को टारगेट किया है। हमारे समाज के लोगों को दुर्भावना से प्रताड़ित किया जा रहा है, उनके ट्रांसफर जाति और नाम देखकर किए गए हैं। लोग गांवों में आपको घुसने नहीं देंगे।

सदन में गरमाया तबादलों का मुद्दा

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों ने सरकार की ट्रांसफर नीति पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक बदले की भावना से अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले कर रही है। इस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा जातिगत आधार पर लोगों को बांटने की कांग्रेस की फितरत रही है। भाजपा सरकार तबादलों में पूरी पारदर्शिता रखती है।

बताते चलें कि मुकेश भाकर के इस बयान के बाद सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ गई। सत्ता पक्ष ने भाकर के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि सरकार ट्रांसफर नीति में पूरी पारदर्शिता बरत रही है।

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BJP के असली समर्थक आज खिलाफ क्यों?

भाषण के दौरान मुकेश भाकर ने भाजपा के पुराने नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि जब हम छोटे थे, तो सुनते थे कि राजस्थान में बीजेपी को सींचने वाले लोग किरोड़ी लाल मीणा, वसुंधरा राजे, देवी सिंह भाटी जैसे नेता हैं। लेकिन आज यही लोग भाजपा के खिलाफ खड़े क्यों हैं? इसका जवाब तो दीजिए।

SI भर्ती का भी उठाया मामला

वहीं, मुकेश भाकर ने सरकार को घेरते हुए कहा कि जब सरकार बनी थी, तब पेपर लीक और ईआरसीपी जैसे मुद्दों पर बड़े-बड़े वादे किए गए थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं से कहा था कि वे पेपर लीक के ‘मगरमच्छ’ पकड़ेंगे, लेकिन केवल छोटी मछलियां पकड़ी गईं, वो भी जाल से बाहर निकल गईं। SI भर्ती परीक्षा को लेकर सरकार के बयान बदलते रहते हैं। युवाओं का भरोसा अब सरकार से उठ चुका है।

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