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Rajathan: गहलोत बोले- सरकार जानबूझकर टाल रही है पंचायत चुनाव, धनखड़ के इस्तीफे पर फिर से दिया ये बयान

Rajathan News: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के बाद राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी।

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Ashok Gehlot

अशोक गहलोत (पत्रिका फाइल फोटो)

Rajathan News: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के बाद राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने परसराम मदेरणा को एक बड़े जाट नेता और प्रेरणादायी व्यक्तित्व के रूप में याद किया।

अशोक गहलोत ने कहा कि परसराम मदेरणा का विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री के रूप में कार्यकाल अविस्मरणीय रहा। उन्होंने समाज और राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

'सरकार जानबूझकर नहीं करवा रही चुनाव'

पूर्व सीएम गहलोत ने राजस्थान में पंचायत राज चुनावों को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर पंचायत चुनाव टाल रही है, जिससे संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं। गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार 'एक राज्य, एक चुनाव' के नाम पर लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रही है।

गहलोत ने कहा कि हमारे कार्यकाल में भी कर्मचारियों की कमी जैसे मुद्दे थे, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश पर समयबद्ध तरीके से चुनाव कराए गए। लोकतंत्र में चुनाव समय पर होने चाहिए। अब यह समय बताएगा कि सरकार चुनाव करवाती है या नहीं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनावों का समय पर होना अनिवार्य है।

सरकार कर रही है चुनाव की तैयारी

इससे पहले यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने हाल ही में कहा था कि पंचायत और निकाय चुनाव एक साथ करवाने से प्रक्रिया सरल होगी और संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा। इस पर कैबिनेट सब-कमेटी के सदस्य और मंत्री अविनाश गहलोत ने स्पष्ट किया कि अगले 15 से 20 दिनों में मुख्यमंत्री को इस संबंध में रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसके आधार पर मुख्यमंत्री स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा और चुनाव कार्यक्रम तय होगा।

धनखड़ के इस्तीफे पर क्या कहा?

अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसे उन्होंने चौंकाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति दोनों केंद्र सरकार और संघ के दबाव में काम कर रहे हैं। धनखड़ ने कुछ दिन पहले जयपुर में दावा किया था कि वह किसी दबाव में नहीं हैं, लेकिन अचानक उनका इस्तीफा इस बात का सबूत है कि उन पर दबाव था। गहलोत ने दावा किया कि धनखड़ का स्वास्थ्य ठीक है और यह इस्तीफा दबाव का परिणाम है।