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Rajasthan: अशोक गहलोत बोले- ‘मानेसर कांड प्रैक्टिकल था, थ्योरेटिकल नहीं’; नरेश मीणा को लेकर दिया ये बयान

Rajasthan News: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को एक प्रेसवार्ता में उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर NIA की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

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Ashok Gehlot
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फोटो- राजस्थान पत्रिका

Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को एक प्रेसवार्ता में उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत ने कहा कि इस जघन्य हत्याकांड को तीन साल बीत चुके हैं, लेकिन NIA अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी।

उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार के समय में तीन घंटे के भीतर मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया गया था। गहलोत ने सवाल उठाया कि अगर यह मामला उनकी सरकार के पास होता तो छह से आठ महीने में फैसला हो जाता।

गहलोत ने कन्हैयालाल के परिवार से हाल ही में मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि परिवार ने उनसे पूछा कि तीन साल हो गए, हमें कब न्याय मिलेगा? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पीड़ित परिवार को 5 लाख और 50 लाख रुपये के मुआवजे के नाम पर केवल बरगलाया।

गहलोत ने एक तस्वीर का हवाला देते हुए दावा किया कि मुख्य आरोपी की तत्कालीन नेता गुलाबचंद कटारिया के साथ तस्वीर थी और गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेताओं ने उसे छुड़वाने की कोशिश की। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि तस्वीर का होना सब कुछ साबित नहीं करता। गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजस्थान दौरे के दौरान कन्हैयालाल के परिवार को न्याय दिलाने की मांग की।

नरेश मीणा को लेकर क्या कहा?

वहीं, नरेश मीणा के 12 दिन से चल रहे अनशन के बारे में गहलोत ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि मीणा 12 दिनों से धरने पर बैठे हैं, तो उन्होंने इसे अपना धर्म समझकर ट्वीट किया और सरकार से बातचीत कर धरना समाप्त करवाने की मांग की।

वहीं, कपासन में हुई एक दुखद घटना पर गहलोत ने कहा कि बजरी माफियाओं ने एक युवक सूरज माली की बेरहमी से पिटाई की, जिसके पैरों में 25 फ्रैक्चर आए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में विधायक के परिजनों का कनेक्शन सामने आ रहा है, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। गहलोत ने कहा कि अपराधियों में भय पैदा करने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।

'मानेसर कांड प्रैक्टिकल था, थ्योरेटिकल नहीं'

गहलोत ने 2020 के मानेसर प्रकरण पर भी पहली बार विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि 2020 में उनकी सरकार को गिराने की कोशिश केवल थ्योरेटिकल नहीं, बल्कि पूरी तरह प्रैक्टिकल थी। इस प्रकरण में आरोपियों को क्लीन चिट मिलने पर गहलोत ने कहा कि फाइनल रिपोर्ट (FR) देने से कोई केस हमेशा के लिए खत्म नहीं होता।

उन्होंने कहा कि अगर हाईकोर्ट FIR को रद्द कर दे तो बात अलग है, अन्यथा मामला अभी भी लंबित माना जाएगा। उन्होंने इस साजिश को स्पष्ट रूप से प्रायोजित बताते हुए कहा कि यह कांड पूरी तरह सामने आ चुका है।

प्रदेश की स्थिति पर जताई चिंता

गहलोत ने राजस्थान के पांच जिलों के दौरे के बाद कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है। जयपुर में सड़कों की हालत खराब है, महिलाओं के गहने छीने जा रहे हैं और बरसात से फसलों व सड़कों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने दुग्ध उत्पादकों के भुगतान और किसानों को फसल नुकसान के मुआवजे में देरी पर भी सरकार को घेरा।