
पूर्व सरकार की फ्लैगशिप योजनाएं बंद की - एमएलए प्रताप सिंह
जयपुर। राजस्थान में विधानसभा सत्र कल सवेरे 11 बजे से शुरू हो रहा है। पंचायत चुनाव के नतीजों की छाया में इस सत्र के हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है। माना जा रहा हैं कि बिगड़ी कानून व्यवस्था, किसानों की कर्जमाफी, बिजली की कमी को लेकर विपक्ष की ओर से सरकार पर हमले किए जाएंगे। इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है। वहीं सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने भी विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए अपने विधायकों को कह दिया है।
छोटा होगा ये सत्र— सूत्रों के अनुसार ये सत्र चार या पांच दिन चल सकता है। वैसे तो कार्य सलाहकार समिति की बैठक में सत्र की कार्यवाही और बैठकों को लेकर फैसला किया जाएगा लेकिन माना ये जा रहा हैं कि सत्र को ज्यादा लंबा नहीं खींचा जाएगा। सत्र में जरूरी विधायी कार्य निपटाए जाएंगे और कुछ विषयों पर चर्चा के बाद इसे स्थगित कर दिया जाएगा। सत्र के दौरान गहलोत सरकार सदन में आधा दर्जन बिल लाने की तैयारी कर रही है। संसदीय कार्य विभाग इसमें जुटा हुआ है। इससे पहले 19 मार्च को विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई थी। 6 महीने के प्रावधान के हिसाब से 19 सितंबर से पहले सत्र बुलाना जरूरी है।
पंचायत के नतीजों को लेकर हमले— इस सत्र के दौरान कांग्रेस और भाजपा पंचायत चुनाव के नतीजों को लेकर एक दूसरे पर हमला कर सकती है। पंचायत चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के तीन तीन जिला प्रमुख बने है। जबकि भाजपा के पास सिर्फ एक ही जिले में बहुमत था। कांग्रेस जयपुर में मात खा गई। हालांकि पांच उप जिला प्रमुख जीत कर कांग्रेस ने थोड़ी भरपाई करने की कोशिश की है। दोनों दल इसके नतीजों को जनादेश बताकर एक दूसरे पर निशाना साधेंगे।
गहलोत की जगह धारीवाल संभालेंगे मोर्चा— सीएम अशोक गहलोत के बीमार होने के कारण इस सत्र की कार्यवाही में हिस्सा लेने की संभावना कम है। ऐसे में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ही सत्ता पक्ष का मोर्चा संभालेंगे और उनके साथ सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी, उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी रहेंगे। अन्य मंत्रियों में रघु शर्मा, प्रताप सिंह भी कमान संभालेंगे और विपक्ष के हमलों का जवाब देंगे।
Published on:
08 Sept 2021 09:37 am
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