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खगोलीय घटना : कल नो शेडो डे, दोपहर में साया न होगा साथ, जानें देश में कहां दिखेगा असर

खगोलविदों और भूगोलवेत्ताओं के अनुसार 'नो शेडो डे' (No Shadow Day) की स्थिति मकर और कर्क रेखा के मध्य स्थित क्षेत्रों में ही बनती है। कर्क रेखा भारत के एकदम मध्य से होकर गुजरती है। राजस्थान में यह डूंगरपुर व बांसवाड़ा होते हुए निकलती है।

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खगोलीय घटना : कल नो शेडो डे, दोपहर में साया न होगा साथ, जानें देश में कहां दिखेगा असर

खगोलीय घटना : कल नो शेडो डे, दोपहर में साया न होगा साथ, जानें देश में कहां दिखेगा असर

जयपुर। देश के कई हिस्सों में शुक्रवार को विशेष खगोलीय घटना (special astronomical event) होगी, जिसमें किसी भी उर्ध्वाकार चीज की परछाई नहीं बनेगी यानी आपका साया आपके साथ नहीं होगा। ऐसा सूर्य के पृथ्वी के ठीक ऊपर लंबवत होने की वजह से होगा। इससे किसी भी वर्टिकल वस्तु की परछाई (शेडो) नहीं बनेगी। इस घटना को नो शेडो डे के तौर पर मनाया जाएगा। खगोलविदों और भूगोलवेत्ताओं के अनुसार 'नो शेडो डे' (no shadow day) की स्थिति मकर और कर्क रेखा के मध्य स्थित क्षेत्रों में ही बनती है। कर्क रेखा भारत के एकदम मध्य से होकर गुजरती है। राजस्थान में यह डूंगरपुर व बांसवाड़ा होते हुए निकलती है। नो शेडो डे की सर्वाधिक बेहतर स्थिति बेंगलुरु और आसपास के क्षेत्र में बनेगी, लेकिन राजस्थान भी कर्क रेखा के समीप होने के कारण जोधपुर सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में इसे देखा जा सकेगा।

पैरों पर दिखाई देगी परछाई

नो शेडो डे यानी परछाई विहीन दिवस की स्थिति दोपहर के समय बनेगी। हालांकि इस दौरान भी परछाई बिल्कुल गायब नहीं होगी। धूप में व्यक्ति के खड़े होने पर परछाई उसके बिल्कुल पैरों के ऊपर आएगी, जिस कारण उसे परछाई नहीं होने का आभास होगा। इससे पहले अप्रेल में भी इस तरह की घटना घटित हुई थी।

सूर्योदय व सूर्यास्त के समय लंबी परछाई

पृथ्वी के अपने धुरी पर घूर्णन और उसके अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री तक झुके होने की वजह से परछाई की विभिन्न स्थितियां बनती हैं। वैसे पूरे साल भर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सबसे लंबी परछाई बनती है। इस दौरान सूर्य क्षेतिज पर होता है तब सूर्य की दिशा के विपरित परछाई बनती है। नो शेडो डे की िस्थति का नियम अन्य उर्ध्वाकार वस्तुओं मसलन इमारत, पेड़ इत्यादि पर भी लागू होता है।

आने वाले दिनों में कई और खगोलीय घटनाएं होंगी

बीएन विवि के फिजिक्स डिपार्टमेंट के हैड देवेंद्र पारीक ने बताया कि जीरो शेडो डे की पिछली घटना इसी साल अप्रेल में हो चुकी है और अब 18 अगस्त को ये घटना फिर होने वाली है। ये घटना तब होती है, जब सूर्य हमारी धरती के बिल्कुल ऊपर आ जाता है। जिसके कारण किसी भी चीज की परछाई नहीं बनती। अगर आप सोच रहे हैं कि इस दिन हमारी परछाई बिल्कुल गायब हो जाती है तो आप गलत हैं। इस दिन सूर्य की किरणें लंबवत पड़ती हैं। जिस वजह से हमारी परछाई इधर-उधर न बनकर बिलकुल हमारे पैरों के नीचे बनती है और यही कारण है कि वो हमें दिखाई नहीं देती है।

शनि होगा पृथ्वी के सबसे करीब और दिखेगा सुपरमून

अगस्त माह के अंत तक कई और खगोलीय घटनाएं आपको अचंभित करेंगी। इनमें 27 अगस्त को शनि पृथ्वी के सर्वाधिक करीब पहुंचेगा औऱ सुनहरे तारे की तरह चमकता नजर आएगा। इसमें पश्चिम में सूर्य अस्त हो रहा होगा, तभी पूर्व दिशा में शनि उदय हो रहा होगा। वहीं, इस माह की आखिरी खगोलीय घटना सूपरमून की होगी, जो 31 अगस्त की रात देखने को मिलेगा।