ऐतिहासिक पल पर करें दीपदान
प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर महंत कैलाश शर्मा का कहना है कि कहते हैं कि कण—कण में प्रभु श्रीराम का वास है। हर तरफ राममय वातावरण है। 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे। भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का बहुत बड़ा महत्व है। इस ऐतिहासिक पल को अपने दिल में संजोने के लिए मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर में भव्य तैयारी की जा रही है। इसदिन शाम को रोशनी व आतिशबाजी होगी। वहीं भक्तों को मोदक प्रसाद बांटा जाएगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया है कि वे भी अपने घर पर कम से कम 11 दीपक जलाएं और प्रभु श्रीराम की आरती करें।
प्रभु श्रीराम की स्तुति करें
काले हनुमानजी मंदिर के महंत गोपालदास महाराज का कहना है कि वर्षों के इंतजार के बाद श्रीरामलला की अपने निज गृह में प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। यह देशवासियों के लिए खुशी का क्षण है। इससे आध्यात्मिक चेतना को बल मिलेगा। ऐसे में लोग अपने—अपने घरों, प्रतिष्ठानों, कार्यालयों पर दीपदान करें। हनुमान चालीसा के पाठ करें। प्रभु श्रीराम की स्तुति करें। रामनाम का स्मरण कर प्रभु श्रीराम के प्रति अपनी श्रद्धाभाव प्रकट करें। मंदिर ठिकाना श्रीकाले हनुमानजी में 21 जनवरी को सामूहिक सुंदरकांड के पाठ होंगे। 22 जनवरी को सुबह हनुमानजी महाराज के पंचामृत अभिषेक और सुंदरकांड पाठ होंगे। प्रसादी वितरित की जाएगी। शाम को हनुमान चालीसा के पाठ होंगे।
भक्ति मार्ग की ओर अग्रसर होंगे लोग
पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज के पीठाधीश्वर अलबेली शरण महाराज का कहना है कि प्रभु श्रीरामलला अपने निज मंदिर में विराजमान हो रहे है। यह सतनात धर्म के लिए गौरव की बात है। लोग प्रभु भक्ति मार्ग की ओर अग्रसर होंगेे। विश्व के लिए यह गौरव का क्षण है। देशभर के श्रद्धालु ही नहीं, विदेशों में भी लोग प्रभु रामलला के दर्शन को अति उत्साहित है। सरस परिकर में ठाकुरजी के महाआरती की जाएगी। बधाइगान के साथ आचार्य वाणी का मधुर पाठ किया जाएगा। लोग भी अपने घरों में 11—11 दीपक जलाएं।
496 साल बाद प्रभु राम पुन: अपने निज मंदिर में विराजेंगे
खोले के हनुमान मंदिर में रामोत्सव का आयोजन किया जाएगा। यहां सियारामजी का सुबह सरयू व गंगोत्री के जल से अभिषेक कराया जाएगा। श्रीनरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा का कहना है कि 22 जनवरी हिन्दू संस्कृति के लिए एक अहम पर्व बनने जा रहा है। 496 साल बाद राम पुन: अपने मन मंदिर में विराजेंगे, इस दिन की महत्ता को देखते हुए राम के प्रिय भक्त हनुमानजी मंदिर में रामोत्सव मनाया जा रहा है। सियारामजी का सुबह अभिषेक होगा। फूल बंगला की झांकी सजाई जाएगी। 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। मंदिर में 1100 दीपक प्रज्वलन व विशेष लाइट जलाई जाएगी।
101 हवाइयों की गर्जना से होगी महाआरती, 51 वर्ष पुरानी जरदोजी की पोशाक पहनेंगे प्रभु श्रीराम, घर-घर उत्सव
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक अवसर
घाट के बालाजी में रामलला के उत्सव विग्रह व बालाजी महाराज की एकसाथ महाआरती होगी। महंत सुदर्शनाचार्य महाराज का कहना है कि श्रीरामजन्मभूमि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक अवसर है। लोगों को अपने घरों में उत्सव मनाना चाहिए। घर—घर दीपक जलाएं, सुंदरकांडपाठ करें। घाट के बालाजी में 2100 दीपकों से महाआरती होगी। सामूहिक सुंदरकांड पाठ व हनुमानचालीसा के पाठ होंगे।