
Barmer Refinery : बैठक में बोले CM गहलोत- 4 वर्ष की तय सीमा में पूरा हो रिफाइनरी का काम
जयपुर
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) ने शुक्रवार को रिफाइनरी ( Barmer Refinery ) की प्रगति की समीक्षा बैठक में सरकार और एचपीसीएल के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए कि पचपदरा में स्थापित की जा रही रिफाइनरी सह-पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स परियोजना को 4 वर्ष की तय समय सीमा में पूरा करें और मिसाल कायम करें। उन्होंने कहा कि यह रिफाइनरी राज्य की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना है। इसे एक मॉडल रिफाइनरी के रूप में विकसित किया जाए।
रिफाइनरी से राज्य के युवाओं को बड़ी आशा है..
इसे देखते हुए पचपदरा एवं जोधपुर में उच्चस्तरीय कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना की जाए तथा रिफाइनरी ( rajasthan pachpadra refinery issue ) क्षेत्र में एक आईटीआई भी स्थापित की जाए, जहां युवाओं को पेट्रो-केमिकल एवं इससे जुड़े उत्पादों के निर्माण से संबंधित गाइडेंस और प्रशिक्षण मिल सके। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी के आसपास पेट्रो-केमिकल उत्पादों की खपत के लिए इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर भी विकसित किया जाए। इससे रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने परियोजना की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए इन्हें चरणबद्ध रूप से समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। युवाओं को बड़ी आशा, कौशल विकास केन्द्र और आईटीआई भी स्थापित करें
स्थानीय लोगों की सुविधा का रखें ध्यान
इस मौके पर गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी ( barmer Refinery Project ) में बड़ी संख्या में लोग काम करेंगेे, इनके लिए सुविधाजनक टाउनशिप विकसित करने के साथ ही सभी सुविधाओं से युक्त अस्पताल एवं स्कूल की स्थापना भी की जाए साथ ही रिफाइनरी के कार्यों के दौरान स्थानीय निवासियों की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाए। उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो।
जोधपुर-बाड़मेर नेशनल हाइवे पर विकसित करें वे-साइड फेसिलिटी
गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी के कारण जोधपुर-बाड़मेर ( Jodhpur-Barmer National Highway ) के बीच भारी यातायात बढ़ेगा, इसे देखते हुए इस राष्ट्रीय राजमार्ग को 6 लेन का बनाने के साथ ही वे-साइड फेसिलिटी जैसे पार्किंग, होटल, रेस्टोरेंट और वाहन चालकों के लिए विश्राम एवं भोजन आदि की सुविधाएं विकसित की जाएं। उन्होंने कहा कि बालोतरा से पचपदरा तक रेल सुविधा विकसित करने के भी प्रयास किए जाएं।
इस बैठक में एचपीसीएल के सीएमडी एम.के सुराणा ने रिफाइनरी की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि इस परियोजना को अक्टूबर, 2022 तक पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके निर्माण से करीब 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से एवं करीब 60 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्यों के लिए अब तक करीब 10 हजार करोड़ रूपये के टेंडर जारी हो चुके हैं और 1 हजार 348 करोड़ रूपये खर्च भी किए जा चुके हैं। रिफाइनरी की आंतरिक सड़कों और बिटुमिन कॉरपेट का काम पूरा हो चुका है।
... काम तेजी से चल रहा है
सुराणा ने बताया कि करीब 27 किलोमीटर की चारदीवारी में से 20 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। सभी 12 लाइसेंस यूनिट के लैटर ऑफ एक्सपटेंस जारी होने के साथ ही 9 लाइसेंस यूनिट के बेसिक डिजाइन इंजीनियरिेंग पैकेज का काम भी पूरा हो गया है। साथ ही 5 लाइसेंस यूनिट के इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कन्स्ट्रक्शन एण्ड कमिशनिंग कॉन्ट्रेक्ट की एनआईटी जारी कर दी गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि रिफाइनरी का काम तेजी से चल रहा है और इसे समय सीमा में पूरा किया जाएगा।
यह रहे बैठक में मौजूद
इस दौरान खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, मुख्य सचिव श्री डी.बी. गुप्ता, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री गोविन्द शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं पेट्रोलियम सुदर्शन सेठी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव राजस्व संजय मल्होत्रा, रीको के प्रबन्ध निदेशक गौरव गोयल एवं जोधपुर, बाड़मेर एवं जैसलमेर के जिला कलक्टर सहित अन्य उच्चाधिकारी तथा एचपीसीएल के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
Updated on:
21 Jun 2019 11:30 pm
Published on:
21 Jun 2019 11:27 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
