रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र-भाजपा ने बागी सुखवंत को दिया टिकट
यहां से भाजपा ने सुखवंत सिंह को टिकट दिया है। इस सीट से भाजपा ने सुखवंत सिंह को वर्ष 2019 (उपचुनाव) के विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था। ये कांग्रेस की साफिया खान से हार गए थे। इसके बाद इन्हें वर्ष 2023 में टिकट नहीं मिला तो ये बागी हो गए और भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर गए। इन्होंने आजाद समाज पार्टी से चुनाव लड़ा। इस कारण भाजपा प्रत्याशी जय आहुजा को नुकसान हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई। विधानसभा चुनाव में अच्छी पकड़ बनाने के कारण इन्हें लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल किया गया। अब इन्हें उपचुनाव में टिकट दे दिया है। टिकट देते ही यहां इस चुनाव में भी टिकट की उम्मीद लगाए जय आहुजा ने बगावत शुरू कर दी। सुखवंत सिंह पर पिछले चुनाव में हराने तक के आरोप लगाए हैं। यह बात अलग है कि भाजपा ने बाद में डैमेज कंट्रोल कर जय आहुजा को मना लिया है।
झुंझुनूं विधानसभा सीट-भांबू पिछले चुनाव में बन गए थे बागी
इस सीट से भाजपा ने राजेन्द्र भांबू को प्रत्याशी बनाया है। भांबू ने वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से ही टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर वे बागी हो गए। इस चुनाव में भाजपा ने पिछले चुनाव के बागी पर ही भरोसा जताया है। भांबू को टिकट मिलते ही वहां टिकट की उम्मीद लगाए बैठे निषीत चौधरी बबलू ने विरोध शुरू कर दिया। यहां से कांग्रेस ने शीशराम ओला के बेटे अमित ओला को प्रत्याशी बनाया है। हालांकि बाद में सीएम भजनलाल शर्मा ने बागी बनने जा रहे निषीत चौधरी बबलू को भी समझा दिया।
सलूम्बर विधानसभा सीट-बागी और पांच साल निष्कासित पर कांग्रेस ने जताया भरोसा
इस सीट पर कांग्रेस ने वर्ष 2018 में बागी होकर चुनाव लडऩे वाली महिला प्रत्याशी रेशमा मीणा को इस बार उपचुनाव में टिकट दिया है। इस कारण अब वहां पर कांग्रेस के टिकट की उम्मीद लगाए बैठे पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। पार्टी में दलालों की भूमिका, आदिवासी नेताओं की हत्या जैसे आरोप तक मढ़े हैं। रघुवीर मीणा के समर्थकों ने तो यहां तक कह दिया है कि वे कांग्रेस प्रत्याशी रेशमा मीणा की जमानत जब्त करा देंगे। रेशमा ने पूर्व में बागी होकर चुनाव लड़ा था, जिसके कारण उन्हें कांग्रेस पार्टी ने पांच साल तक निष्कासित भी कर दिया है। पिछले साल ही रेशमा की कांग्रेस में वापसी हुई है।