
विकास जैन
मकर संक्रांति पर्व मंगलवार को पतंगबाजी का दिन भी है। पतंगबाजी केवल एक मनोरंजन और खेल नहीं है बल्कि यह हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। विशेषज्ञों के अनुसार एक घंटे की एक्टिव पतंगबाजी से करीब 100 कैलोरी बर्न की जा सकती है, जो इसे एक बेहतरीन व्यायाम विकल्प बनाती है। पतंगबाजी के दौरान खुशी के हार्मोन एंडोर्फिन का स्तर बढ़ता है। पतंगबाजी के दौरान दौड़ना, पेंच लड़ाने को मांझा खींचना आदि से शरीर में योग जैसी क्रियाएं स्वत: हो जाती हैं। हृदय की धड़कन बढ़ती है और रक्त संचार बेहतर होता है। यह प्रक्रिया एंजाइना जैसी हृदय संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकती है।
चिकित्सकों के अनुसार प्राकृतिक रोशनी में होने वाली पतंगबाजी के कारण प्रकाश आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है और विटामिन-डी के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है। पतंगबाजी के समय आंखों को विभिन्न दिशाओं में देखने की आवश्यकता होती है, जिससे आंखों की मांसपेशियों का व्यायाम होता है। यह उन्हें अधिक लचीला और स्वस्थ रख सकता है। आंखों और मन के एक जगह केंद्रित होने से फोकसिंग क्षमता में सुधार हो सकता है।
जब हम पतंग को उड़ाते हैं तो यह हमें तनाव से राहत दिलाने में मदद करता है। प्रकृति के साथ जुड़ने और खुली हवा में रहने से मानसिक स्थिति में सुधार होता है। बच्चों और युवाओं के लिए पतंगबाजी एक बेहतरीन आउटडोर गतिविधि है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि सामूहिकता के कारण बच्चे टीम वर्क और सहयोग की भावना को समझते हैं।
डॉ.अखिलेश जैन, मनोरोग विशेषज्ञ
पतंगबाजी एक पारिवारिक गतिविधि बन है, जिसमें बच्चे-बड़े सभी शामिल होते हैं। एक घंटे की एक्टिव पतंगबाजी 100 कैलोरी बर्न कर सकती है। हम जितनी अधिक देर पतंगबाजी करेंगे, उतनी ही अधिक कैलोरी बर्न होगी। हां, लेकिन इसे अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए। इसकी क्रियाएं योग जैसी होती हैं और इससे खुशियों के हार्मोन एंडोर्फिन का स्तर बढ़ता है।
डॉ.जी.एल.शर्मा, हृदय रोग विशेषज्ञ
पतंगबाजी से आंखों को कोई नुकसान नहीं होता। बस पतंगबाजी के समय सूरज की रोशनी पर सीधे नहीं देखना चाहिए।
डॉ.विशाल अग्रवाल, नेत्र रोग विशेषज्ञ
Updated on:
14 Jan 2025 09:34 am
Published on:
14 Jan 2025 08:06 am
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