पिछला एक साल डेटा मार्केट के लिए काफी अस्थिर रहा है, क्योंकि एक—एक करके आरबीआई ने अपनी पिछली पांच पॉलिसी बैठकों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।
पिछला एक साल डेटा मार्केट के लिए काफी अस्थिर रहा है, क्योंकि एक—एक करके आरबीआई ने अपनी पिछली पांच पॉलिसी बैठकों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। कुल मिलाकर अब तक आरबीआई दरों को 225 बीपीएस तक बढ़ा चुका है और आगे क्या होगा, इसे कोई नहीं जानता। क्योंकि, महंगाई लगातार आरबीआई के अनुमान से अब भी ऊपर बनी हुई है। मौजूदा अनिश्चितता को देखते हुए विशेषज्ञ डायनेमिक बॉन्ड फंडों की सिफारिश कर रहे हैं। सही समय पर लिए गए फैसलों के चलते जिन निवेशकों ने फंड में निवेश बनाए रखा है, उन्हें अलग-अलग समय में फंड से लाभ हुआ है। 3, 5 और 10 सालों में इस फंड ने अपनी कैटेगरी में क्रमशः 7.1 फीसदी, 7.2 फीसदी और 9.3 फीसदी रिटर्न देकर टॉप पर फॉर्मर रहा है। इस फंड ने कैसे बाकी को पीछे छोड़ा है, इसे इसके विभिन्न समय-सीमाओं में देखा जा सकता है। दूसरा पहलू इंटरेस्ट रेट पर आधारित है, जो कॉर्पोरेट बॉन्ड और जी-सेक के बीच निवेश करती है। इसलिए, जब ब्याज दरें अधिक होती है, तो यह स्कीम लंबी अवधि की योजना की तरह व्यवहार करेगी और जब ब्याज दरें कम होंगी, तो योजना एक संचय योजना की तरह व्यवहार करेगी। मई 2009 में अपनी स्थापना के बाद से इस फंड ने विभिन्न ब्याज दर के दौर में अवधि को अच्छी तरह से मैनेज किया है और कुछ विपरीत परिस्थितियों में भी एनएवी में वृद्धि प्रदान की है। भले ही ब्याज दर का चक्र बढ़ रहा हो या घट रहा हो, यह फंड बाजार की स्थिति के अनुरूप खुद को समायोजित कर सकता है। इसका आंतरिक, ओनरशिप प्रोपराइटरी इकोनॉमिक मॉडल इस फंड के निवेश के बारे में फैसले लेना आसान बनाता है।
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संपत्ति के मामले में सबसे बड़ी स्कीम
इनमें से आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ऑल सीजन्स बॉन्ड फंड सबसे टॉप पर है। यह इस कैटेगरी में संपत्ति के मामले में सबसे बड़ी स्कीम भी है और इसका दस वर्षों से अधिक का लगातार अच्छा ट्रैक-रिकॉर्ड रहा है। यह स्कीम उस अवधि को बढ़ाती है जब ब्याज दर में पूंजी वृद्धि से होने वाले लाभ में गिरावट की उम्मीद होती है। यह उस अवधि को कम कर देती है, जब ब्याज दर में वृद्धि होने की उम्मीद होती है, ताकि मार्केट नुकसान से जोखिम कम हो सके। इसके बारे में लिया जाने वाला कोई भी फैसला एक इन-हाउस मॉडल पर आधारित होता है, जो कई छोटे बड़े फैक्टर्स को ध्यान में रखती है। जब ड्यूरेशन कॉल लेने की बात आती है तो यह फंड को आगे रहने में मदद करता है। पोर्टफोलियो का स्ट्रक्चर मॉडल के परिणामों के आधार पर बदल सकती है, क्योंकि अर्थव्यवस्था अपना गियर बदलती रहती है। बढ़ती ब्याज दरों से लाभ पाने के साधन के रूप में इस योजना में 38.2 फीसदी पर फ्लोटिंग रेटबॉन्ड के लिए हाई एलोकेशन है। फ्लोटिंग रेट बॉन्ड उस कैटेगरी के बॉन्ड होते हैं, जो ब्याज दरों में किसी भी वृद्धि से लाभ पा रहे होते हैं, क्योंकि कूपन समय-समय पर रीसेट होते रहते हैं। यह निवेशकों के लिए अच्छे रिजल्ट में तब्दील होगा। बेहतर एक्रुअल्स से लाभ प्राप्त करने के लिए पोर्टफोलियो का एक और 29 फीसदी एसेट के लिए आवंटित किया जाता है, जो एए से ऊपर रेटेड हैं।