
जयपुर। राजस्थान के दो नेताओं की कहानी एक जैसी है। दोनों पहले विधायक का चुनाव लड़कर हार गए, फिर पार्टी ने सांसद का प्रत्याशी बनाया। जिसमें उन्हें जीत मिली। फिर मंत्री भी बनाए गए। दो नेताओं से जुड़े इस दिलचस्प संयोग की चर्चा आम लोगों के बीच हो रही है। ये दो नेता हैं इस बार मोदी कैबिनेट के हिस्सा बने अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी और गत बार पीएम मोदी की टीम के सदस्य रहे पूर्व मंत्री कैलाश चौधरी। दोनों नेता ऐसे हैं जो विधानसभा चुनाव बुरी तरह से हारकर लोकसभा का चुनाव धाकड़ तरीके से जीते और फिर केन्द्र में मंत्री बनाए गए।
विधानसभा चुनाव में हार मिली, अजमेर लोकसभा का चुनाव जीता
अजमेर के नवनिर्वाचित सांसद व केंद्र में मंत्री भागीरथ चौधरी दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने उन्हें विधानसभा चुनाव 2023 में अजमेर की किशनगढ़ सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। लेकिन पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह की वजह से उन्हें चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें महज करीब 37 हजार वोट मिले। इस हार ने उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव में टिकट पाने की रेस में काफी पीछे धकेल दिया था लेकिन उन्हें टिकट मिला। नजीता ये रहा है कि विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने वाले भागीरथ चौधरी सवा तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीते। अब उनको मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री बनाया गया है।
विधानसभा चुनाव हारे, बाड़मेर सांसद का जीता
ऐसा ही कुछ बीजेपी नेता कैलाश चौधरी के साथ भी हुआ। कैलाश चौधरी 2018 के विधानसभा चुनावों में बाड़मेर की बायतु सीट से कांग्रेस के हरीश चौधरी के सामने बुरी तरह से चुनाव हार गए थे। उन्हें केवल करीब 38 हजार वोट मिले थे। कैलाश चौधरी भी वहां दूसरे नहीं बल्कि तीसरे नंबर पर रहे थे। बाद में उनकी किस्मत ने साथ दिया और बीजेपी ने उन्हें बाड़मेर-जैसलमेर सीट से मैदान में उतारा। उस समय उनके सामने बीजेपी के दिग्गज नेता रहे पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेन्द्र कांग्रेस से चुनाव मैदान में थे। उन्होंने चुनाव में जीत दर्ज की। फिर मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री बनाए गए।
Published on:
11 Jun 2024 04:46 pm
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