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भ्रष्टाचार के खिलाफ भजनलाल सरकार की बड़ी कार्रवाई, 9 पुलिस निरीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृति, इन मामलों पर भी लिया निर्णय

राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार सहित अन्य मामलों में कड़ी कार्रवाई करते हुए 9 पुलिस निरीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृति देने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को विभिन्न विभागों से आए 37 प्रकरणों का निस्तारण किया है।

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CM Bhajan Lal Sharma

CM Bhajan Lal Sharma (फाइल फोटो : पत्रिका)

जयपुर। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार सहित अन्य मामलों में कड़ी कार्रवाई करते हुए 9 पुलिस निरीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृति देने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को विभिन्न विभागों से आए 37 प्रकरणों का निस्तारण किया है। इन 37 प्रकरणों में कुल 55 अधिकारियों पर कार्रवाई के मामले लंबित थे। हालांकि, सरकार ने कानूनी पेचीदगियों के चलते अभी तक किसी भी अधिकारी का नाम सार्वजनिक नहीं किया है।

सीएम ने अक्षमता, अकर्मण्यता तथा असंतोषजनक कार्य निष्पादन के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए 9 पुलिस निरीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान कर राज्य सेवा से बाहर किया है। उन्होंने कार्मिकों की कार्य-शैली, कार्य-दक्षता, सत्यनिष्ठा, विभागीय जांच कार्यवाही एवं कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन की विभिन्न स्तर पर स्क्रीनिंग करते हुए 9 कार्मिकों के प्रकरणों का उच्च स्तरीय समिति से परीक्षण करवाकर अनिवार्य सेवानिवृति की कार्यवाही की है।

6 अधिकारियों के विरूद्ध अभियोजन चलाने की मंजूरी

मुख्यमंत्री ने नियम विरूद्ध भू-आवंटन के एक गंभीर प्रकरण में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के विरूद्ध अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियम 1969, के नियम 8 के तहत कार्यवाही प्रारम्भ किए जाने का अनुमोदन किया है। उन्होंने लंबित प्रकरणों का निस्तारण करते हुए 6 अधिकारियों के विरूद्ध अभियोजन चलाने की मंजूरी तथा राजस्थान प्रशासनिक एवं लेखा सेवा के 2 अधिकारियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 17-ए में विस्तृत जांच एवं अनुसंधान करने की अनुमति भी प्रदान की।

इन प्रकरणों पर भी किया निर्णय

सीएम ने सेवारत 13 अधिकारियों के विरूद्व सीसीए नियम-16 के तहत विभागीय जांच कार्यवाही में वार्षिक वेतन वृद्धियां संचयी/असंचयी प्रभाव से रोकने का निर्णय लिया है। उन्होंने सेवानिवृत्त अधिकारियों के पुराने प्रकरणों का निस्तारण करते हुए पेंशन नियमों के तहत 5 अधिकारियों की पेंशन रोके जाने का निर्णय किया। इनमें से एक अधिकारी के विरूद्ध भ्रष्टाचार प्रकरण में दोष सिद्धि होने से शत प्रतिशत पेंशन रोकने का निर्णय किया गया है। साथ ही, सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरूद्ध संचालित 9 प्रकरणों में 14 अधिकारियों पर प्रमाणित आरोपों के जांच निष्कर्ष का अनुमोदन भी किया।

मुख्यमंत्री ने एक अधिकारी की ओर से प्रस्तुत पुनर्विलोकन याचिका को निरस्त करते हुए दण्ड को यथावत रखा तथा सेवारत अधिकारियों के 3 प्रकरणों में अपील स्वीकार करने एवं 2 अधिकारियों के विरूद्ध अपील आंशिक स्वीकार करने का निर्णय किया है।