
भूउपयोग परिवर्तन नियमों में बड़ा बदलाव, अब 4 किश्तों में जमा करा सकेंगे शुल्क
जयपुर। राज्य सरकार ने भू-उपयोग परिवर्तन नियमों में कई बदलाव किए हैं। इसमें एक तरफ जहां भूउपयोग परिवर्तन कराने से निर्धारित अवधि में लीज जमा कराना भी अनिवार्य कर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर एक साथ शुल्क देने के बोझ से छुटकारा दिया गया है। अब शुल्क एक साल में किश्तों में जमा कराया जा सकेगा। नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी। अफसरों ने इसके जरिए रियल एस्टेट सेक्टर को भी राहत मिलने की स्थिति बताई है।
1. भूउपयोग परिवर्तन कराने वाले आवेदकों हाथों-हाथ लीज राशि भी जमा करानी होगी। आवेदक एकमुश्त लीज जमा कराकर भूखंड का फ्री होल्ड पट्टा ले सकेंगे। यदि भूउपयोग परिवर्तन राशि एक मुश्त मांग पत्र जारी होने के दिनांक से 90 दिन में जमा कराई जाती है तो 5 प्रतिशत छूट दी जाएगी। ऐसा नहीं करने पर भूउपयोग परिवर्तन स्वत: निष्प्रभावी हो जाएगा।
2. किश्तों में जमा करा सकेंगे शुल्क— अब भू उपयोग परिवर्तन शुल्क किश्तों में जमा कराया जा सकेगा। अभी तक 90 दिन की बंदिश थी, जिसे बढ़ाकर एक साल कर दिया गया है। पहली किश्त जमा कराने पर आवेदक को भूउपयोगप परिवर्तन का ऑर्डर मिलेगा, लेकिन बाकी तीन किश्तों के लिए आवेदक को पोस्ट डेटेड चैक देने होंगे। चैक अनादरित होने पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज वसूला जाएगा। ब्याज सहित तीन वर्ष में राशि नहीं जमा कराने पर भूउपयोग परिवर्तन निरस्त हो जाएगा।
90 दिन में 15 प्रतिशत
180 दिन में 35 प्रतिशत
270 दिन में 25 प्रतिशत
365 दिन में 25 प्रतिशत
3. जेडीए की स्थानीय समिति के फैसले पर स्वीकृति जरूरी होगी। समिति के फैसलों की प्रति सूचना व अवलोकन के लिए नगरीय विकास मंत्री को भेजनी होगी। मंत्री की स्वीकृति के बाद ही समिति की बैठक का कार्यवाही विवरण जारी होगा।
4. जोधपुर विकास प्राधिकरण, अजमेर विकास प्राधिकरण और विकास न्यासों की स्थानीय भू उपयोग परिवर्तन समिति जो फैसले लेगी, उन पर प्राधिकरण, न्यास अध्यक्ष की स्वीकृति जरूरी होगी। हालांकि, विभागीय आदेश के तहत यह व्यवस्था पहले से ही लागू है, लेकिन इसके लिए अब नियमों में ही प्रावधान कर दिया गया है।
Published on:
10 Sept 2021 08:30 pm
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