
एसीबी की राडार पर बड़ी मछलियां, 181 दिनों में 252 लोगों को बनाया शिकार
राजस्थान का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हर दिन किसी ना किसी घूसखोर पर शिकंजा कस रहा है। बावजूद इसके रिश्वतखोरी का खेल बेखौफ चल रहा है। यही वजह है कि एसीबी की नजर अब बड़े लोगों पर भी है। महज तीन महीने की बात करें तो एसीबी ने 7 महीनों में 252 रिश्वतखोरों को अपना शिकार बना डाला। इस साल अब तक 267 प्रकरण पीसी एक्ट के तहत दर्ज किए गए। जिनमें 252 से ज्यादा ट्रेप के 9 प्रकरण आय से अधिक संपत्ति के और 6 पद के दुरूपयोग के प्रकरण शामिल हैं।
181 दिन 252 को बनाया शिकार
एसीबी ने जनवरी से लेकर जुलाई माह तक महज 181 दिनों में 252 कार्रवाई की। ऐसे विभाग जहां पर पहले कार्रवाई नहीं होती थी. अब उन विभागों में भी ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, ड्रग डिपार्टमेंट, फूड इंस्पेक्टर और बायोफ्यूल अथॉरिटी के वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारियों को भी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। साथ ही ऐसे अनेक डिपार्टमेंट हैं जहां पर भ्रष्टाचार फैलाने वाले लोगों पर पूर्व में किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई थी, लेकिन अब शिकायतें प्राप्त होने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।
शहर ही नहीं छोटे छोटे गांवों तक पहुंची एसीबी
एसीबी ने अपना दायरा बढ़ा लिया है। वह अब शहरों तक ही सीमित नहीं है। अब एसीबी गांवों और ढाणी ढाणी तक पहुंच चुकी है। एसीबी अधिकारियों ने इसके लिए एक अभियान भी चलाया। अब एसीबी छोटे कस्बों में भी जाकर घूसखोरों को पकड़ रही है।
सरकारी महकमों के कुछ लोगों ने तैयार किए दलाल
घूस मांगने के लिए घूसखोर फोन पर खुद बात नहीं करते। सरकारी विभाग के ऐसे लोगों ने अब खुद के लिए दलाल तैयार कर दिए है जो उनके लिए घूस लेने का काम करते है। सरकारी विभाग में अपना काम कराना है तो दलाल नेटवर्क के मार्फत ही वो काम होगा। अधिकारी कर्मचारी को कितनी घूस देनी है, कब तक काम होगा, इसकी जानकारी दलाल ही देते है। कोरोना काल में जब बाजार सुस्त पड़ा था, तब दलालों ने अपनी घूस की रेट और हाई कर दी। आलम यह है कि पटवारी और पुलिस कांस्टेबल भी एक एक लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़े जा रहे हैं।
रिवाल्विंग फंड से गरीबो को मिली मदद
सरकार ने वर्ष 2021-2022 के अनुरुप एक करोड़ रुपए रिवॉल्विंग फंड की स्थापना की है। इससे भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ अधिक कार्रवाई हो सकेगी। ऐसे परिवादी अपनी शिकायत लेकर एसीबी मुख्यालय आते हैं और उनकी ओर से जो रिश्वत राशि रिश्वतखोर अधिकारी को दी जाती है, उस राशि को रिवाल्विंग फंड से उन्हें वापस लौटाया जाता है। भ्रष्ट अधिकारी की ओर से ली गई रिश्वत राशि जब कोर्ट से रिलीज कर दी जाती है तो उस राशि को रिवाल्विंग फंड में जमा कर दिया जाता है।
Published on:
02 Sept 2022 04:46 pm
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