
राजस्थान में इस बार मानसून को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दक्षिणी पश्चिमी मानसून को लेकर अपना पहला दीर्घावधि पूर्वानुमान जारी किया है। जिसमें बताया जा रहा है कि ला नीना के एक साथ सक्रिय होने से इस साल मानसून जल्दी दस्तक दे सकता है। राजस्थान में 80 फीसदी से अधिक हिस्से में सामान्य से अधिक बरसात होगी।
वहीं सिरोही और उदयपुर बेल्ट में मानूसन की भारी बारिश की संभावना जताई गई है। शेखावटी में भी इस साल मूसलाधार के आसार हैं। झुंझनूं, सीकर, जयपुर, अलवर और दौसा के मध्यवर्ती भाग में अधिक बरसात का पूर्वानुमान है। चितौड़गढ़ के पूर्व हिस्से में भी घनघोर मेघ बरसेंगे। हालांकि मौसम विभाग देश के कुछ हिस्सों में बारिश को लेकर सटीकता नहीं बता सका, जिसमें राजस्थान का भी कुछ हिस्सा है।
मौसम विभाग के अनुसार जैसलमेर, बाड़मेर और जालोर, चितौड़गढ़ का पश्चिमी भाग, भीलवाड़ा, अजमेर, बूंदी, कोटा के मध्यवर्ती पट्टी, श्रीगंगानगर और बीकानेर का मध्यवर्ती हिस्सा, हनुमानगढ़ का दक्षिण हिस्सा स्थानों पर सामान्य से कम या सामान्य अथवा सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।
ला नीना इफेक्ट आवर्ती मौसमी घटना है। यह मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में औसत से अधिक ठंडे समुद्री सतह के तापमान और हिंद महासागर डिपोल (आइओडी) की सतह के तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बनती है। परंपरागत मानसून ढांचे के विपरीत आइओडी और ला नीना प्रभाव का एक साथ निर्मित होना दुर्लभ घटना है। यह मौसम और जलवायु वैज्ञानिकों को मौसम के पैटर्न की समझ बढ़ाने का मौका देती है।
निदेशक आरएस शर्मा का कहना है कि गत वर्ष प्रदेश में मानसून की अधिक बारिश हुई थी। हालांकि उसका एक कारण 6 जून 2023 से सक्रिय होकर 21 दिन तक चलने वाला चक्रवाती तूफान बिपरजॉय था। जून से सितम्बर 2023 के दौरान पश्चिमी राजस्थान में 283.6 मिलीमीटर की तुलना में 401.7 मिली बारिश हुई, जो 42 प्रतिशत अधिक थी। पूर्वी राजस्थान में 626.6 की तुलना में 622.7 मिली पानी बरसा यानी सामान्य से केवल एक प्रतिशत बारिश कम थी। इस साल प्रदेश में सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश का पूर्वानुमान है।
Updated on:
23 Apr 2024 10:38 am
Published on:
23 Apr 2024 10:04 am
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