
फिर चर्चा में मोनालिसा, लिव इन पार्टनर ने ही सुलाया था मौत की नींद
जयपुर। राजस्थान में दो साल पहले हुआ मोनालिसा हत्याकांड एक बार फिर चर्चा में आया है। बीकानेर निवासी मोनालिसा की हत्या उसके लिव इन प्रेमी ने ही जयपुर में की थी। आरोपी ने हत्या कर सबूतों को नष्ट करने और हत्या को प्राकृतिक मृत्यु बताते हुए पुरानी चुंगी, अजमेर रोड स्थित मोझधाम में मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया। जांच के दौरान जब बीकानेर पुलिस मोक्षधाम पहुंची और अंतिम संस्कार का रिकॉर्ड प्राप्त करना चाहा तो कोई जानकारी ही नहीं मिली।
इस पर बीकानेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहर अमित कुमार ने जयपुर जिला कलक्टर को 17 जनवरी को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने अनुसंधान में आई दिक्कत और प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए सुझाव भी दिए। जयपुर कलक्टर ने शनिवार को जयपुर के दोनों निगम आयुक्तों को निर्देश दिए कि मोक्षधाम, कब्रिस्तान और ग्रेवयार्ड में अंतिम संस्कार करने के लिए अब पांच लोगों को आईडी देनी होगी। अब तक दो लोगों की उपस्थिति को गवाह के तौर पर मान्यता थी।
ऐसे की थी हत्या
पुलिस के अनुसार जयपुर मोनालिसा की बीकानेर में जयपुर रोड पर करोड़ों की जमीन थी। आरोपी भवानी सिंह की नजर मोनालिसा की जमीन पर थी। इसी के चलते वर्ष 2019 में वह मोनालिसा के संपर्क में आया। वर्ष 2020 में वह ओमेक्स सिटी, जयपुर में लिव इन रिलेशन में रहने लगे। कुछ समय बाद दोनों में झगड़े शुरू हो गए। पांच फरवरी 2021 की रात दोनों में कहासुनी हुई। भवानी सिंह जानता था कि मोनालिसा दूध में रसगुल्ला डालकर पीती है। भवानी ने उस रात दूध में नींद की गोलियां मिला दी। जब मोनालिसा दूध पीकर बेहोश हो गई तो तकिए से उसका मुंह दबाकर मौत के घाट उतार दिया।
न्याय के लिए लगाई गुहार
मोनालिसा के परिजन ने पुलिस अधीक्षक व संबंधित थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के लिए परिवाद दिया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस पर परिजन पुलिस महानिदेशक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। तब 21 नवंबर, 22 को यह मामला सदर थाने में दर्ज हुआ था। रिपोर्ट में जयपुर रोड स्थित करोड़ों की जमीन हड़पने के लिए मोनालिया की साजिशन हत्या करने का भवानीसिंह, रविन्द्र रामपुरिया, चिराग रामपुरिया, जसवंत जाट व एक अन्य पर आरोप लगाया गया था। हत्या का मुख्य आरोपी भवानी सिंह जेल में बंद है।
अब ये करेंगे दोनों निगम
-दोनों नगर निगम सीमा क्षेत्र में संचालित सभी मोक्षधामों में अंतिम संस्कार का पूर्ण रिकॉर्ड संधारित किया जाए।
-मोक्षधाम में लकड़ी बेचने वाले, क्रियाकर्म करवाने वाले, दाह संस्कार से संबंधित अन्य सामग्री बेचने वालों की जानकारी भी रखी जाए।
-मृतक की पहचान होने के बाद ही अंतिम संस्कार करने दिया जाए।
-अंतिम संस्कार में शामिल कम से कम 5 लोगों के पहचान संबंधी दस्तावेज लिए जाएं और इनको रिकॉर्ड में रखा जाए।
-दाह संस्कार से संबंधित रिकॉर्ड हर महीने नगर निगम में जमा करवाया जाए।
Published on:
11 Mar 2023 09:20 pm
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