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मौसम अपडेट: बिपरजॉय तूफान दो दिन में आ सकता है राजस्थान, तैयारियों में जुटी सरकार

मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह तूफान 16 जून को डीप डिप्रेशन के रूप में जालोर और बाड़मेर में प्रवेश करेगा। जिसकी स्पीड 50 से 60 किमी प्रति घंटे रहेगी।    

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जयपुर. बिपरजॉय चक्रवाती तूफान से बचाव को लेकर राज्य सरकार तेजी से तैयारी में जुट गई है। किसी भी हालात से निपटने के लिए एसडीआरएफ की 17 टीम तैनात की गई हैं। इसके अलावा 30 टीम रिजर्व में हैं। जहां कहीं भी जरूरत होगी, वहां इन्हें भेजा जाएगा। राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने 14 जून को अधिकारियों की बैठक लेकर तैयारियों की समीक्षा भी की। उषा शर्मा ने अधिकारियों से कहा कि बिपरजॉय को लेकर हमारी तैयारियों का स्तर इस प्रकार का होना चाहिए कि किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने हेडर्क्वाटर पर मौजूद रहें। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने लोगों में इस प्राकृतिक आपदा से बचाव के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी पहुंचाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि निचले इलाकों में जलमग्नता की वजह से लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसके लिए ग्राम प्रधान, ग्राम रक्षक, सुरक्षा सखी, सभी पंचायत समिति के सदस्यों का उपयोग कर लोगों में जागरूकता फैलाई जाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान हमेशा से आपदा प्रंबधन में अव्वल रहा है। इस बार भी हम इससे अच्छे से गुजर जाएंगे। बैठक में मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि यह सिस्टम 16 जून को डीप डिप्रेशन के रूप में जालोर और बाड़मेर में प्रवेश करेगा। जिसकी स्पीड 50 से 60 किमी प्रति घंटा रह जाएगी। इस वजह से प्रदेश में भारी बारिश और आंधी आ सकती है। इससे पहले देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं कि संवेदनशील स्थानों पर रहने वाले लोगों को गुजरात सरकार द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल आदि सभी आवश्यक सेवाओं का रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। नुकसान की स्थिति में ये सेवाएं तुरंत बहाल की जाएं। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि पशुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने नियंत्रण कक्षों को 24 घंटे कार्य करने का निर्देश भी दिया। गृह मंत्रालय 24 घंटें स्थिति की समीक्षा कर रहा है और गुजरात सरकार और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के साथ संपर्क में है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 12 दलों को पहले से तैनात किया है, जो नावों, पेड़ काटने वाले और दूरसंचार के उपकरणों से लैस हैं। इसके अलावा 15 टीमों को अतिरिक्त तैनाती पर रखा गया है। भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाजों और हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है। नौकाओं और बचाव उपकरणों से लैस वायुसेना और इंजीनियर कार्य बल की इकाइयां आवश्यकता पड़ने पर तैनाती के लिए तैयार हैं। निगरानी विमान और हेलीकॉप्टर तट पर लगातार निगरानी कर रहे हैं। सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के आपदा राहत (डीआरटी) और चिकित्सक दलों को तैयार रहने को कहा गया है।