
जयपुर।
शहर की लाइफ लाइन बन चुके बीसलपुर बांध में पानी की स्थिति सामने आने पर बुधवार को जलदाय विभाग में खलबली मची रही। जयपुर शहर की पेयजल व्यवस्था की कमान संभल रहे अतिरिक्त मुख्य अभियंता अमिताभ शर्मा ने अधीक्षण अभियंता उत्तर और दक्षिण सर्कल, बीसलपुर प्रोजेक्ट अधीक्षण अभियंता, शहर के सभी आठ डिवीजन के अधिशासी अभियंताओं के साथ अगले तीन महीने शहर में मजबूत पेयजल प्रबंधन को लेकर तीन घंटे बैठक ली। इस मंथन में शहर में पेयजल सप्लाई के लिए खुदे 3300 नलकूपों की भी सुध ली गई। शर्मा ने सभी अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दिए कि सात दिन में सभी नलकूप की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट तैयार की जाए। जिससे यह पता चल सके कि कितने नलकूप क्रियाशील हैं और कितने लंबे समय से बंद हैं। शर्मा अब प्रत्येक बुधवार शहर की पेयजल व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।
600 से ज्यादा नलकूप खराब
जलदाय इंजीनियरों के अनुसार शहर में 3300 नलकूप हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से 600 से ज्यादा नलकूप खराब हैं। इसके बाद भी सभी डिवीजन में रख-रखाव के नाम पर फर्म को हर महीने करीब 1.50 करोड़ का भुगतान हो रहा है। सबसे ज्यादा खराब नलकूप विद्याधर नगर में हैं और रख-रखाव के नाम पर सबसे ज्यादा भुगतान भी वहीं हो रहा है। शर्मा ने अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दिए कि नलकूप के बिजली के अंतिम बिल के हिसाब से लंबे समय से बंद नलकूप की रिपोर्ट तैयार की जाए।
कनिष्ठ और सहायक अभियंताओं को निर्देश
-दूषित, कब दबाव और बिल्कुल पानी नहीं आने वाले इलाके चिह्नित हों
-प्रतिदिन पेयजल व्यवस्था की रिपोर्ट अधिशासी अभियंता को दी जाए
-क्रियाशील नलकूप जितना पानी दे रहा, उतने भार की ही मोटर लगाएं
-उपभोक्ताओं की मांग पर 12 घंटे में टैंकर उपलब्ध कराएं
वर्जन
शहर में खुदे कितने नलकूप क्रियाशील हैं और कितने बंद हैं, इसकी रिपोर्ट मांगी है।
कन्हैया लाल चौधरी
जलदाय मंत्री
Published on:
05 Apr 2024 08:41 am
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