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हिन्दुत्व के साथ ओबीसी कार्ड भी खेल रही भाजपा-कांग्रेस, ये है सियासी दांव

केन्द्र सरकार में ओबीसी के 27 मंत्रियों में से कई आएंगे राजस्थान

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हिन्दुत्व के साथ ओबीसी कार्ड भी खेल रही भाजपा-कांग्रेस, ये है सियासी दांव

हिन्दुत्व के साथ ओबीसी कार्ड भी खेल रही भाजपा-कांग्रेस, ये है सियासी दांव

जयपुर। विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में ओबीस वर्ग को लेकर शह-मात का खेल आगे बढ़ गया है। हिन्दुत्व कार्ड के साथ उतरी भाजपा ने भी अब ओबीसी पर पूरा फोकस कर दिया है। चुनाव में ओबीसी वर्ग से 65 चेहरे उतारने के बाद भाजपा मतदाताओं को इस वर्ग के लिए किए गए कार्यों का लेखा-जोखा बताएगी। इसमें राजनीति और सरकारों में प्रतिनिधित्व, शिक्षा व अन्य डवलपमेंट शामिल है। इसके लिए केन्द्र सरकार में ओबीसी वर्ग के मंत्री, पार्टी के बड़े नेता व दूसरे राज्यों के इसी वर्ग से आने वाले मंत्रियों को प्रदेश में बुलाया जा रहा है। जिन विधानसभा क्षेत्रों में ओबीसी प्रत्याशी हैं, इन नेताओं को वहां ज्यादा सभा होगी। भाजपा इसके जरिए कांग्रेस के ओबीसी कार्ड खेलने के प्लान को फेल करना चाह रही है।

भाजपा : ओबीसी प्रतिनिधत्व बता रही

केन्द्र में मंत्री- 27
भाजपा के सांसद- 85
विधानसभा सदस्य- 365
विधान परिषद सदस्य- 65
(साथ ही इस वर्ग के लिए चलाई जा रही योजनाओं, उससे लाभान्वित होने वाले लोगों का वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया जा रहा हैे)

कांग्रेस : आरक्षण बढ़ाने का कर रही दावा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ माह पहले ही प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने और मूल ओबीसी के लिए अलग से 6 प्रतिशत का आरक्षण करने की घोषणा की थी। इसके बाद राजस्थान आए राहुल गांधी ने ओबीसी मतदाताओं को साधने के लिए सियासी दांव चला और जातिगत जनगणना पर दिया जोर दिया। ओबीसी महिला आरक्षण के बारे में भी बोले।

जीत के लिए ओबीसी मतदाताओं की भूमिका...

प्रदेश में ओबीसी आबादी किसी भी पार्टी को सत्ता में लाने और बाहर करने में बड़ी भूमिका में रहती रही है। इनमें करीब 82 जातियां शामिल है। इसी कारण भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सबसे बड़े वोट बैंक को अपने और करीब लाने की कवायद में जुटी है। राजस्थान में ओबीसी के गणित को पंचायती राज में इस वर्ग की महिलाओं की भागीदारी से और भी बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।