
जयपुर। बीते माह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के विधायकों पर फैसला लेने की मांग को लेकर प्रदेश भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के नेतृत्व में स्पीकर सीपी जोशी से मिला।
भाजपा प्रतिनिधिमंडलमें शामिल तकरीबन एक दर्जन विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी से मुलाकात करके विधायकों के इस्तीफे पर जल्द से जल्द फैसला लेने की मांग की है, जिस पर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने शीघ्र ही कोई फैसला लेने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमंडल में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, भाजपा सचेतक जोगेश्वर गर्ग, रामलाल शर्मा, अभिनेश महर्षि, निर्मल कुमावत, अशोक लाहोटी सहित एक दर्जन विधायक शामिल थे।
अल्पमत में है गहलोत सरकार, वस्तु स्थिति जनता के सामने आए
इधर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी से मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी से मिलकर कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे पर शीघ्र फैसला लेने की मांग की है उन्होंने कहा कि जिन विधायकों और मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है उनकी क्या स्थिति है क्या वो अभी भी मंत्री है या नहीं, स्पीकर सीपी जोशी को जल्द इस पर फैसला लेकर वस्तु स्थिति को जनता के सामने रखना चाहिए जिससे कि जनता भी समझ सके कि 15 विधानसभा की क्या स्थिति है।
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार अल्पमत है। अगर कोई विधायक त्यागपत्र पत्र स्वीकार करने की इच्छा जाहिर करता है तो इच्छा मात्र से ही उसका त्यागपत्र स्वीकार हो जाता है। अगर विधायक कोई कारणों से इस्तीफा देता है तो उसकी जांच हो सकती है।
अगर एक लाइन का प्रस्ताव होता है कि मैं अपनी इच्छा से सदन से इस्तीफा देता हूं तो उसे स्वीकार करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि नियम प्रक्रियाओं के तहत विधानसभा स्पीकर के जरिए ही फैसला होता है लेकिन इतना लंबा इस मामले को नहीं खींचना चाहिए।
स्पीकर ने दिया ऐतिहासिक फैसला लेने का आश्वासन
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे को 15 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है और अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सीपी जोशी को सौंप रखे हैं। नियमों और प्रक्रियाओं के तहत इसे स्वीकार करने चाहिए। राठौड़ ने कहा कि विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि वो नियम प्रक्रियाओं और कानून के तहत इस मामले को देख रहे हैं और जल्द ही ऐसा फैसला लेंगे जो संसदीय इतिहास में मिसाल साबित होगा।
सरकारी सुख सुविधाएं भोग रहे हैं इस्तीफे देने वाले मंत्री- विधायक
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस के 92 विधायकों जिनमें कई मंत्री भी शामिल हैं, उन्होंने अपनी स्वेच्छा से विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफा सौंप रखा है लेकिन 15 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है। सीपी जोशी ने कोई फैसला नहीं लिया है। विधायक और मंत्रियों ने जब इस्तीफे दे रखे हैं तो फिर वो किस हैसियत से सरकारी सुख-सुविधाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकारी बंगले और गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सवाल खड़ा होता है कि जब इस्तीफे हो चुके हैं तो सरकार कौन चला रहा है? उन्होंने कहा कि 2020 में भी सचिन पायलट और गहलोत झगड़े हुए थे तब भी गहलोत सरकार अल्पमत में आई थी। 1 महीने से ज्यादा सरकार बाड़ेबंदी में रही थी। उन्होंने कहा कि हम विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं और उसके बाद ही फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे। भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि कानून और नियम प्रक्रियाओं के अनुसार अगर स्थिति स्वीकार करने योग्य है तो उन्हें स्वीकार करना चाहिए और सरकार को बर्खास्त करना चाहिए।
अगर इस्तीफे स्वीकार करने योग्य नहीं है तो विधानसभा स्पीकर को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए स्पीकर को अपनी भूमिका को साफ-सुथरी रखनी चाहिए जिससे कि स्पीकर के फैसले पर सवाल खड़े नहीं हों।
गौरतलब है कि दरअसल कांग्रेस में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खरगे ने 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई थी लेकिन गहलोत गुट के विधायकों ने समानांतर बैठक बुलाई थी और कांग्रेस की अधिकारिक विधायक दल की बैठक का बहिष्कार किया था और समानांतर बैठक करने के बाद गहलोत गुट के 92 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के आवास पर जाकर हुए अपने इस्तीफे सौंप दिए थे।
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Updated on:
18 Oct 2022 01:26 pm
Published on:
18 Oct 2022 12:35 pm
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