देशभर में अटल जी के अस्थि कलश को प्रवाहित करने के आयोजन ने 34 साल पहले की याद दिला दी…जब प्रधानमंत्री आवास में ही इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों ने ही गोली मारकर हत्या कर दी थी और कांग्रेस ने इसका सियासी फायदा उठाते हुए पूरे देश में इसी तरह अस्थि कलश भेजे धे…खुद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी विशेष रेल से अस्थि कलश लेकर गंगा में प्रवाहित करने ले गए थे…इसका कांग्रेस को फायदा भी मिला और कांग्रेस आम चुनाव में 414 सीटें जीती…भाजपा भी शायद उसी राह पर चलने की कोशिश कर रही है…अगले साल आम चुनाव से पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे भाजपाशासित राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं और भाजपा को लगता है कि महंगाई, बेरोजगारी, नोटबंदी व राफेल घोटाले जैसे मुद्दों को अटलजी की सहानुभूति लहर से दबाया जा सकता है…लेकिन सवाल यही है कि क्या लगभग एकदशक तक सियासी क्षितीज से अलोप रहे अटलजी को अपने भाषणों में भी भुला देने वाली भाजपा को सहानूभूति लहर का फायदा मिल पाएगा?