24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

12 विधायकों को देर से आना पड़ा महंगा, पार्टी ने लगाया 500-500 रुपए का जुर्माना

विधानसभा में आज से शुरू होने वाले सत्र से पहले गुरुवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के विधायक दल की बैठक हुई। बैठक की शुरुआत ही रोचक रही। बैठक में 12 विधायक देर से आए तो पार्टी ने सख्ती दिखाते हुए उन पर 500-500 रुपए जुर्माना लगा दिया...

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Dinesh Saini

Jan 24, 2020

bjp.jpg

जयपुर। विधानसभा में आज से शुरू होने वाले सत्र से पहले गुरुवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के विधायक दल की बैठक हुई। बैठक की शुरुआत ही रोचक रही। बैठक में 12 विधायक देर से आए तो पार्टी ने सख्ती दिखाते हुए उन पर 500-500 रुपए जुर्माना लगा दिया। बैठक में विधानसभा सत्र और इस दौरान सत्तापक्ष को घेरने की रणनीति पर चर्चा की गई। सत्र के मद्देनजर पार्टी ने व्हिप भी जारी किया है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने व्हिप जारी करते हुए विधायकों से कहा कि किसी भी विषय पर मतदान हो तो पार्टी के पक्ष में मतदान करें। प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, राष्ट्रीय सह संगठन प्रभारी वी. सतीश, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की मौजूदगी में हुई बैठक में भाजपा के 57 विधायक उपस्थित थे। बैठक में आरएलपी के विधायक नहीं पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे उपस्थित नहीं हुईं। हालांकि कटारिया ने कहा कि राजे ने किसी कारणवश नहीं आ पाने की सूचना दे दी थी।

कानून तोड़ा तो पुरजोर विरोध करेंगे
बैठक के बाद कटारिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार की सबसे बड़ी विफलता का द्योतक है, कल का विधानसभा सत्र बुलाना। एससी-एसटी आरक्षण का मामला दिसंबर में ही लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो गया। इसमें आधे राज्यों की सहमति भी आवश्यक होती है। यह सहमति दुर्भाग्य से राजस्थान की सरकार और राजस्थान का प्रशासनिक तंत्र नहीं दे पाया। कांग्रेस सरकार इस तरह निर्लज्जता का काम कर रही है। इसे 25 जनवरी तक पास कराना है। क्या राज्य सरकार इसे 15 दिन पहले नहीं कर सकती थी? सरकार की लापरवाही के कारण विधानसभा की परम्पराओं को ताक पर रखकर आनन फानन सत्र बुलाया गया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिसमें चार सप्ताह का समय दिया गया है। न्यायालय में लंबित केस पर विधानसभा में चर्चा नहीं हो सकती। चर्चा कर कानून तोड़ा गया तो हम उचित तरीके से सामना करेंगे।

उपमुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए : राठौड़
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि विधानसभा से संबंधित वक्तव्य कार्य सलाहकार समिति तय करती है कि सदन कब तक चलेगा। उसका प्रतिवेदन सदन में मंजूरी के लिए आता है, मंजूर होने के बाद वह सार्वजनिक होता है। इससे पहले भी कई बार कार्य सलाहकार समिति ने कोई बात बाहर की तो उसे माफी मांगनी पड़ी है। राठौड़ ने कहा कि पायलट को इसका ज्ञान नहीं है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। राठौड़ ने कहा कि सरकार नियम-प्रक्रिया तोडकऱ केवल 4 दिन के नोटिस पर बजट सत्र प्रारम्भ कर रही है, यह दुर्भाग्य है। यह सत्र केवल राहुल गांधी को दिखाने के लिए आनन-फानन बुलाया जा रहा है। नागरिकता संशोधन कानून सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, उस पर अपने नेता की मंशा के अनुरूप संकल्प लाकर विधानसभा की परंपराओं और इतिहास को कलंकित करना चाहते हंै। भाजपा इसका पुरजोर विरोध करेगी।