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भाजपा ने बागियों के चंगुल में फंसी सीटों को जीतने का निकाला ये तोड़

खूब हुई मान मनुहार, अब पार्टी करेगी 'वॉर'

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भाजपा ने बागियों के चंगुल में फंसी सीटों को जीतने का निकाला ये तोड़

भाजपा ने बागियों के चंगुल में फंसी सीटों को जीतने का निकाला ये तोड़

भवनेश गुप्ता
जयपुर। विधानसभा चुनाव में बागियों के चंगुल में फंसी सीट को निकालने के लिए भाजपा अब विशेष प्लान पर काम कर रही है। बागियों की मान-मनुहार का दौर खत्म कर पार्टी अब ऐसी 22 से 25 सीट पर 'वॉर' करेगी। संबंधित सीट पर जिस जाति का बागी उम्मीदवार है, वहां उसी जाति वर्ग के बड़े और प्रभावशाली नेता को जिम्मेदारी दी जा रही है। इसमें उसी सीट पर मतदाता जाति वर्ग बहुल का भी ध्यान रखा जा रहा है, ताकि बागी की गणित बिगाड़ी जा सके। इसमें डीडवाना, चितौडग़ढ़, बाड़मेर, शिव, शाहपुरा (भीलवाड़ा), सवाईमाधोपुर, सांचौर, कोटपुतली, लाडपुरा, सुजानगढ़ सीट शामिल है। इसके अलावा अन्य सीटों पर भी बड़े नेताओं की छोटी-बड़ी सभा तय की जा रही है। प्रदेशाध्यक्ष सी.पी. जोशी ने मंगलवार को पार्टी कई पदाधिकारियों से फोन भी चर्चा कर दिशा-निर्देश भी दिए।

यह है प्लान
1. प्लान- जिस जाति का बागी नेता है, उसी जाति वर्ग से पार्टी अपने प्रभावशाली नेता को भेज रही है। संबंधित जाति के लोगों और अन्य समाज के प्रबुद्धजनों से बैठकें करेंगे। ये नेता चुनाव तक वहीं डेरा जमाएंगे।
हकीकत-सभी सीट पर ऐसे नेता मिलना मुश्किल है, जिनका वहां अच्छा प्रभाव हो।
2. प्लान- स्टार प्रचार और शीर्ष नेताओं की सभा कराएंगे।
हकीकत-कई जिलों में बड़े नेताओं की सभा प्लान की गई है। शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बुधवार को बायतु में होने वाली सभा से होगी। मोदी यहां से बाड़मेर की सभी 7 सीट पर फोकस करेंगे। इनमें शिव, बाड़मेर, पचपदरा, सिवाना, गुढामलानी, चौहटन भी शामिल है।
3. प्लान- सोशल मीडिया पर प्रचार को और आक्रामक करना। इसके लिए सोशल मीडिया की अतिरिक्त टीम लगाई गई है।
हकीकत-पार्टी ने ऐसी सभी सीट पर उन सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर को जोड़ा है, जो ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ज्यादा प्रभाव रखते हैं। अभी ऐसे 15 इंफ्लुएंसर को साथ लिया गया है। सोशल मीडिया पेज की रीच बढ़ाने और उस पर पड़ने वाले कंटेंट को नए कलेवर में पेश किया जा रहा।
4. प्लान- ऐसी कुछ सीट भी हैं जहां बागी भाजपा से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहे, उन पर मॉनिटिरंग।
हकीकत- अभी तक केवल एक ही खंडेला सीट ऐसी मानी जा रही है, जहां बागी उम्मीदवार बंशीधर बाजिया भाजपा से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पार्टी को अन्य ऐसी सीट नहीं मिल रही।

ये सीट भी है शामिल
सूरतगढ, झुंझुनूं, सीकर, संगरिया, मसूदा, ब्यावर, मकराना, लूणकरणसर, खंडेला , झोटवाड़ा , कठूमर, रामगढ़।

जवाब दे गया डैमेज कंट्रोल
डैमेज कंट्रोल के लिए पार्टी ने 10 अक्टूबर को केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के नेतृत्व में कमेटी बनाई थी। इसमें चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया और सांसद राजेन्द्र गहलोत भी हैं। लेकिन कमेटी ज्यादा कुछ नहीं कर पाई। उलटे, बागियों ने पार्टी की नींद उड़ा रखी है।


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