
'मैडम, परकोटे में गंदा पानी, कम प्रेशर से जलापूर्ति व पानी की किल्लत लोगों के लिए बड़ी समस्या बन रही है। आए दिन सीवर का पानी नलों में आने की शिकायतें हैं, फिर भी अभियंता टालमटोल रवैया अपनाए हुए हैं।
हालात ये हैं कि एक छोटे से काम में पाइप का टुकड़ा भी लगाना हो तो अभियंता ये कहकर कन्नी काट लेते हैं कि इसका प्रपोजल भेजा हुआ है। स्वीकृति मिलने पर ही काम होगा।Ó
कुछ इसी अंदाज में हवामहल विधायक सुरेन्द्र पारीक ने शुक्रवार को जलदाय विभाग के शहर अभियंताओं की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा किया।
वहीं उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ ने भी अभियंताओं की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यूं ही अनदेखी जारी रही तो गर्मी में हाहाकार की स्थिति बनते देर नहीं लगेगी।
जलदाय मंत्री किरण माहेश्वरी की अध्यक्षता में शहर की गर्मी की पेयजल आपूर्ति की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में पारीक बोले कि परकोटे में रोजाना रिसाव की समस्या आ रही है।
इसके बाद भी लाइनों को दुरुस्त करने के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। ऐसे में माहेश्वरी ने जब अभियंताओं ने जवाब-तलब किया तो पता चला कि सिर्फ हवामहल क्षेत्र के लिए 7.55 करोड़ के पाइप जारी किए जा चुके हैं।
उन्होंने अभियंताओं ने ये पूछा कि फिर दिक्कत क्यों आ रही है तो पता चला कि नौ माह गुरजने के बाद अभी तक टेण्डर प्रक्रिया ही चल रही है।
फील्ड में जाते हो या नहीं
माहेश्वरी इस तरह के जवाब से खासी नाराज हुई और अधीक्षण अभियंता सी.एल जाटव से पूछा, आप फील्ड में जाते भी हो या नहीं। जब हां में जवाब मिला तो उन्होंने कहा कि फिर ऐसी शिकायतें क्यों आ रही हैं।
उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों व जनता से सीधे सम्पर्क में रहें। कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हालांकि, इस दौरान मुख्य अभियंता सीएम चौहान, बने सिंह व उमेश कुमार धींगड़ा ने कहा कि अधिशासी अभियंता के पद तो बढ़ा दिए, लेकिन सहायक अभियंता के पद यथावत हैं। ऐसे में नए दफ्तरों का कार्यविभाजन काफी बिखरा हुआ है।
आखिर कहां गया प्रपोजल
बैठक में सराफ ने मालवीय नगर में अयप्पा मंदिर के पास टंकी के निर्माण में देरी, कुछ सेक्टर व झालाना कच्ची बस्ती, बरकत नगर के आसपास के इलाकों में कम प्रेशर से पेयजल आपूर्ति का मुद्दा उठाया।
इस बारे में जब अधिशासी अभियंता रामरतन डोई से पूछा गया तो जवाब मिला कि झालाना में लाइन का प्रपोजल दो माह पहले भेजा गया है, लेकिन अतिरिक्त मुख्य अभियंता दिनेश शर्मा ने ऐसे किसी प्रपोजल से इनकार किया।
इस तरह के जवाब सुनकर सराफ बोले कि उच्च स्तर पर कोई न कोई स्कीम पर कुण्डली मारकर बैठ जाता है और जनता परेशान होती है।
बैठक में सांसद रामचरण बोहरा व विधायक कैलाश वर्मा ने बीसलपुर लाइन के विस्तार के प्रोजेक्ट पर ये कहते हुए आपत्ति जताई कि इससे बगरू विधानसभा क्षेत्र को भी जोड़ा जाना चाहिए। उधर, विद्याधर नगर विधायक नरपत सिंह राजवी ने क्षेत्र में तीन टंकियों के निर्माण में देरी को लेकर नाराजगी जाहिर की।
निगम सीमा तक बढ़ेगा सिटी सर्किल का दायरा
बैठक में नगर निगम सीमा में होने के बावजूद कई इलाके विभाग के सिटी सर्किल में नहीं होने का मुद्दा भी उठा। ऐसे में मंत्री ने निर्देश दिए कि निगम सीमा के सभी इलाकों को सिटी सर्किल में ही रखा जाए। साथ ही अभिंयताओं का कार्यविभाजन व दफ्तर की व्यवस्था भी ऐसी हो, ताकि लोगों को लम्बी दूरी न तय करनी पड़े।
2021 तक दोगुना मांग का आंकलन
बैठक में शहर के वर्तमान जलापूर्ति के साथ ही 2021 की मांग के हिसाब से प्रजेंटेशन भी दिया गया। इस में बताया गया कि वर्तमान में जयपुर में 430 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही है।
जबकि डिमांड के हिसाब से इसमें 95 एमएलडी की और जरूरत है। इसके साथ ही 2021 में शहर में 961 एमएलडी पानी की जरूरत बताई गई। इस दौरान बीसलपुर के अलावा अन्य विकल्प भी खुले रखने पर जोर दिया गया।
Published on:
03 Apr 2015 09:52 pm
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