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PMO ने बिना कैबिनेट को बताए लिया मनरेगा पर फैसला? राहुल गांधी का गंभीर आरोप

कांग्रेस ने मनरेगा को बचाने के लिए 5 जनवरी से देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। राहुल गांधी ने पीएमओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, मनरेगा के तहत गरीबों के लिए भेजा जाने वाला पैसा रोककर उसे चुनिंदा अरबपति मित्रों को दिया जाएगा।

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी शनिवार, 27 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में इंदिरा भवन स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में शामिल होते हुए। (फोटो: IANS)

पत्रिका ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) को समाप्त करने के विरोध में अगले साल 5 जनवरी से बड़ा आंदोलन शुरू करने जा रही है। इसका निर्णय कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में किया गया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार गरीबों के रोजगार के अधिकार को खत्म कर राज्यों से उनकी आर्थिक-राजनीतिक शक्ति छीन रही है। उनका कहना है कि मनरेगा के तहत गरीबों के लिए भेजा जाने वाला पैसा रोककर उसे चुनिंदा अरबपति मित्रों को दिया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने इंदिरा भवन में पत्रकार वार्ता कर आंदोलन की रूपरेखा रखी। बैठक में सोनिया गांधी सहित सीडब्ल्यूसी के 91 सदस्य मौजूद रहे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि सभी सदस्यों ने मनरेगा बचाने को लेकर शपथ ली है।

मनरेगा पर हमला, राज्यों के अधिकारों पर चोट

राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा को खत्म करना केवल एक योजना को बंद करना नहीं, बल्कि संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। केंद्र राज्यों का हिस्सा घटाकर जो पैसा रोक रहा है, वह अदाणी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों को सौंपा जाएगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था कमजोर होगी और गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।

मंत्री-कैबिनेट को बताए बिना पीएमओ ने किया निर्णय

राहुल ने कहा कि मनरेगा खत्म करने का निर्णय मंत्री और कैबिनेट से बिना पूछे सीधे तौर पर पीएमओ ने लिया है। नया कार्यक्रम भी नोटबंदी की तरह विफल हो जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा।

सड़क से संसद तक संघर्ष का ऐलान

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पार्टी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि मनरेगा के खिलाफ किसी भी कदम का पुरजोर विरोध किया जाएगा। यह केवल योजना नहीं, बल्कि संविधान से मिला काम का अधिकार है। कोविड काल में इसी योजना ने करोड़ों लोगों को रोजगार दिया, इसलिए मनरेगा बचाओ आंदोलन शुरू किया जाएगा।

दिग्विजय की पोस्ट से सियासी हंगामा, बाद में दी सफाई

सीडब्ल्यूसी बैठक से पहले कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने पार्टी के भीतर हलचल मचा दी। उन्होंने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीर साझा कर संगठन की शक्ति की तारीफ की।

पोस्ट में उन्होंने लिखा कि किस तरह एक जमीनी स्वयंसेवक मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बना, यह संगठन की ताकत दर्शाता है। इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने इसे अनुचित बताया। विवाद बढ़ने पर दिग्विजय सिंह ने सफाई दी कि उन्होंने केवल संगठनात्मक क्षमता की चर्चा की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे आरएसएस और केंद्र सरकार की नीतियों के घोर विरोधी थे, हैं और रहेंगे।