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Rajasthan: ‘डोटासरा अच्छे लीडर थे, अब बिगड़ गए…’, जानें मदन राठौड़ ने ऐसा क्यों कहा? क्या है विवाद की जड़

Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में कोचिंग नियंत्रण बिल को लेकर मचा सियासी बवाल अब नया मोड़ ले चुका है। इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के भीतर मतभेद उभर कर सामने आए हैं।

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Manad Rathore and Govind Singh Dotasara

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में कोचिंग नियंत्रण बिल को लेकर मचा सियासी बवाल अब नया मोड़ ले चुका है। इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के भीतर मतभेद उभर कर सामने आए हैं। क्योंकि वरिष्ठ नेता राजेन्द्र पारीक के विधानसभा के अंदर दिए गए बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मची हुई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के एक बयान के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की प्रतिक्रिया ने आग में घी का काम किया है।

कोचिंग बिल पर कांग्रेस में दो फाड़

दरअसल, राजस्थान विधानसभा में कोचिंग नियंत्रण बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के भीतर मतभेद खुलकर सामने आए। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बिल पर अपनी राय रखी, लेकिन कांग्रेस नेता राजेंद्र पारीक ने इसके उलट बयान देकर पार्टी लाइन से हटकर अपनी बात रखी। इस पर डोटासरा ने सार्वजनिक तौर पर पारीक को नसीहत दी और उनकी टिप्पणी को पार्टी लाइन के खिलाफ बताया।

डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की भी घोषणा की। इस बयान के बाद कांग्रेस के भीतर की कलह पब्लिक में आ गई।

मदन राठौड़ का डोटासरा पर हमला

इधर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने डोटासरा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा पहले एक अच्छे व्यक्ति और नेता थे, लेकिन अब वह बिगड़ गए हैं। उनकी भाषा और शब्द चयन का स्तर गिर गया है। राठौड़ ने डोटासरा के विधानसभा में आक्रामक रवैये और सदन से अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाए।

राठौड़ ने डोटासरा की कार्यशैली पर तंज कसते हुए कहा कि वह पहले एक उभरते हुए नेता थे, लेकिन अब उनकी प्रतिभा और व्यक्तित्व में गिरावट आई है। उन्होंने डोटासरा के शब्द चयन को हल्का और उनकी कार्यशैली को आत्मघाती करार दिया। उन्होंने कहा कि डोटासरा ने आसन के प्रति आक्रामकता दिखाई, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। इसके बाद वह सदन में भी नहीं जा रहे और अविश्वास प्रस्ताव की बात कर रहे हैं। यह उनकी नेतृत्व क्षमता में कमी को दर्शाता है।

यहां देखें वीडियो-


पारीक के अपमान पर भी उठाए सवाल

मदन राठौड़ ने डोटासरा द्वारा राजेंद्र पारीक के सार्वजनिक अपमान पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि पारीक एक वरिष्ठ और समझदार नेता हैं, जिनके खिलाफ डोटासरा को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी। राठौड़ ने सुझाव दिया कि यदि डोटासरा को पारीक की टिप्पणी से असहमति थी तो उन्हें पार्टी फोरम में बुलाकर बात करनी चाहिए थी। सार्वजनिक रूप से पारीक का अपमान करना ठीक नहीं है। यह कांग्रेस की आंतरिक एकता पर सवाल उठाता है।