
जयपुर ।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों व महंगाई के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन पर भाजपा ने पलटवार किया है । भाजपा नेताओं ने कहा है कि गहलोत सरकार शायद यह भूल गई है कि देश में पेट्रोल-डीजल पर सर्वाधिक वैट राजस्थान में पेट्रोल पर 12% व डीजल पर 10% तक बढ़ा है और 1 रुपये 75 पैसे रोड सैस को भी वैट के दायरे में लेकर कोढ़ में खाज का काम किया है।
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि पेट्रोल-डीजल पर वैट में अभूतपूर्व बढ़ोतरी करने के बाद कांग्रेस सरकार बढ़ती कीमतों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने की महज नौटंकी कर रही है, जबकि इन्हें आमजन से कोई सरोकार नहीं है। आंदोलन के पहले राज्य सरकार को अपने कार्यकाल में वैट की दरों में की गई वृद्धि को वापिस लेकर जनता को राहत प्रदान करनी चाहिए वरना आंदोलन करने की नैतिकता इस सरकार में नहीं है।
कांग्रेस सरकार ने 4 बार वैट दरों में की बढ़ोतरी
आंकड़ों को आधार बनाते हुए राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल पर वैट 26 % व डीजल पर 18 % था, जिसके बाद सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के शासन में 5 जुलाई 2019 को पेट्रोल-डीजल पर 4 %, 21 मार्च 2020 को पेट्रोल-डीजल पर 4 %, 15 अप्रेल 2020 को पेट्रोल-डीजल पर क्रमशः 2 व 1 % और 7 मई 2020 को पेट्रोल-डीजल पर क्रमशः 2 व 1 % वैट की बढ़ोतरी की गई । यानि कांग्रेस सरकार ने अब तक कुल मिलाकर 4 बार वैट की दरों में बढ़ोतरी कर जनता की कमर तोड़ने का काम किया है।
‘केंद्र पर आरोप लगाकर बच नहीं सकती गहलोत सरकार’
भाजपा नेताओं का कहना है कि वैट में अप्रत्याशित बढ़ोतरी करने के बाद सबसे महंगा डीजल-पेट्रोल राजस्थान में बिक रहा है। इसके लिए गहलोत सरकार केन्द्र सरकार पर आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती है। राजस्थान में पहली बार है जब वैट की वजह से पेट्रोल की कीमतों ने शतक का आंकड़ा छू लिया है और डीजल भी शतक पार करने के बिल्कुल निकट है।
Published on:
11 Jun 2021 01:47 pm
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