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ईआरसीपी धन्यवाद यात्रा से भाजपा साधेगी 9 लोकसभा सीट

  कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से एक दिन पहले सीएम की ईआरसीपी आभार यात्रा से गरमाई सियासत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ईआरसीपी प्रभावित 13 जिलों की 83 विधानसभा सीट में से 50 जीती अब लोकसभा चुनाव में सभी सीट जीतने पर फोकस

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जयपुर

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GAURAV JAIN

Feb 25, 2024

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राजस्थान में पिछले कई वर्षों से ईआरसीपी को सियासी मुद्दा बनाया जाता रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने यात्रा निकाली, लेकिन यात्रा बीच रास्ते में ही थम गई। इस बीच भाजपा ने चुनावी वादों में ईआरसीपी को लागू करने की घोषणा की। सत्ता में आते ही भाजपा ने ईआरसीपी विवाद को सुलझाया और अब इसे लोकसभा चुनाव में भुनाने की कवायद चल रही है।

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (अब पीकेसी-ईआरसीपी) कांग्रेस और भाजपा दोनों के 'चुनावी राजनीति' के केन्द्र में रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ईआरसीपी को बड़ा मुद्दा बनाने के वास्ते 13 जिलों के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से यात्रा शुरू कराई, लेकिन यात्रा संगठन की न होकर 'सरकार' के दायरे में फंसकर रह गई। नतीजा यह रहा कि यात्रा कुछ ही जिलों तक पहुंचकर बिखर गई और भाजपा ने इन 13 जिलों की 83 विधानसभा सीट में से 50 सीट जीत ली। फिलहाल यह यात्रा दो दिन चलेगी, लेकिन आने वाले दिनों में यात्रा आगे भी बढ़ सकती है।

विधानसभा में अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा ने लोकसभा चुनाव में भी 'सिंचाई' की इसी बड़ी परियोजना के जरिए 9 लोकसभा सीट पर फोकस कर दिया है। मुख्यमंत्री की धन्यवाद (आभार) यात्रा इसी का हिस्सा है। खास बात यह है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा रविवार को पूर्वी राजस्थान में धौलपुर से प्रवेश करेगी और इससे ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्वी राजस्थान से ही धन्यवाद यात्रा शुरू करके बड़ा सियासी दांव चला है। भाजपा ने पिछले दिनों कोर कमेटी की बैठक में ईआरसीपी को लोकसभा चुनाव के लिहाज से बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की रणनीति बनाई है।


इस तरह समझें सियासी मायने...
1. विधानसभा चुनाव- परियोजना से जुड़े 13 जिलों में 83 विधानसभा सीट शामिल हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इनमें से 50 सीट जीती।
2. इन लोकसभा सीट पर नजर- इसी रूट पर 9 लोकसभा सीट हैं। इनमें अजमेर, कोटा, टोंक-सवाईमाधोपुर, झालावाड-बारां, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, भरतपुर, धौलपुर-करौली, दौसा।
इन्होंने संभाली कमान - सीएम के अलावा केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीना, जलदाय मंत्री कन्हैयालाल व अन्य।


इन 21 जिलों में सक्रिय होगी भाजपा की टोली...

-पहले जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अजमेर, टोंक, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर, धौलपुर जिले शामिल थे, लेकिन नए जिलों के गठन के बाद इस रूट पर जिलों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है।

- नए जिलों में गंगापुरसिटी, ब्यावर, केकड़ी, दूदू, कोटपुतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, डीग व जयपुर ग्रामीण भी शामिल है।
-भाजपा अब लोकसभा चुनाव के लिए इन्हीं 21 जिलों के आधार पर कार्यकर्ताओं की टोली बना रही है। यह टोली लोगों को ईआरसीपी का विवाद सुलझने से लेकर पानी मिलने से जुड़ी जानकारी देगी। विधानसभा चुनाव में भाजपा इस मुद्दे पर पीछे थी, लेकिन सीट जीतने में आगे रही।



फैक्ट फाइल

-41.13 प्रतिशत आबादी कवर होगी राज्य की

-3677 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी राजस्थान को मिलेगा
-2.8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए पानी मिलेगा

-6 बैराज और एक बांध का निर्माण होगा

-40 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है लागत

-90 प्रतिशत अनुदान केन्द्र सरकार देगी
-1700 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है राज्य सरकार