
बॉलीवुड स्टार्स के लिए ट्वीटर पर ट्रोल होना आम बात है। अब इसी कड़ी में राजनैतिक दल के लोग भी जुड़ते जा रहे है। हाल ही में पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने लेख 'जब तक काला: तब तक ताला' लिखकर जनता के सामने इस काले कानून की सच्चाई पेश की थी। अब पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी के इस लेख पर अशोक परनामी ने सवाल उठाए है लेकिन ऐसा करना उन्हीं पर भारी पड़ गया और वह जनता के निशाने पर आ गए। 'जब तक काला: तब तक ताला' लेख पर सवाल उठाकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए। परनामी को आम जनता ने ही नहीं बल्कि बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी परनामी को खरी—खरी सुनाई। परनामी के ट्विटर हैंडल से कल 'लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को इस प्रकार शर्मसार करना बंद करे पत्रिका' हैडिंग से ट्विट किया गया था। परनामी के ट्विट पर लोगों ने किस तरह से रिएक्ट किया आपको बताते हैं।
प्रहलाद ने परनामी को रिप्लाई करते हुए लिखा है कुछ समय बाद प्रदेश में मुख्यमंत्री और अशोक परनामी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव होने हैं। कमर कसो, तैयार रहो, अहंकार का पतन करो। कुशासन का अंत।
तोषी शर्मा ने परनामी को जवाब देते हुए लिखा है कि मैं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का स्वयं सेवक हूं, लेकिन प्रदेश में जो हालात बने हुए हैं, आमजन परेशान है। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी को लोकतंत्र को शर्मसार करना बंद करना चाहिए।
कमलेश गोस्वामी ने परनामी को जवाब दिया है कि पत्रिका अपनी जगह बिल्कुल सही है, हम सम्मान करते हैं निष्पक्ष पत्रकारिता का।
मितेश एस मेहता लिखते हैं कि पहले आप सत्ता कह गुलामी कर संगठन को शर्मसार करना बंद करो। गुलाब कोठारी जी ने कुछ गलत नहीं कहा है।
रवि सरावगी ने लिखा कि एक समय में संगठन सर्वोपरि होता था और सत्ता उसकी चाकरी करती थी। लेकिन आज आप लोग चाकर बने हुए हो मुख्यमंत्री के।
आपकी सरकार लोकतंत्र को शर्मसार करे यह ठीक है क्या।
कुन्तालयेशु ने लिखा है कि भाजपा राजस्थान भी तो लोकतंत्र को शर्मसार कर रही है। 4 साल में 4 बड़े काम भी नहीं हुए और बातें विकास की।
Updated on:
02 Nov 2017 01:02 pm
Published on:
02 Nov 2017 01:00 pm
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