जयपुर
राजधानी जयपुर में दुर्गापूजा महोत्सव में दर्पण विसर्जन व सिंदूर उत्सव (सिंदूर खेला) मनाया गया। सिंदूर खेला में महिलाओं ने सबसे पहले माता को सिंदूर लगाया, इसके बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाया। इसके साथ ही माता की विदाई हुई। शाम को शोभायात्रा के रूप में गाजेबाजे के साथ विभिन्न जलाशयों पर पहुंच माता की प्रतिमा को विसर्जित किया गया। बंगाली कल्चरल सोसायटी की ओर से जय क्लब में सुबह दर्पण विसर्जन हुआ। इसमें पानी में माता के तेज के दर्शन किए। सिंदूर खेला में महिलाओं ने सिंदूर उत्सव मनाया। महिलाओं ने माता को सिंदूर लगाकर पति की दीर्घायु की कामना की। इससे पहले शांति जल से परिक्रमा की गई। सिदूंर खेला के साथ माता की विदाई की गई। इसके बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाया। इसके बाद माता की प्रतिमा को विसर्जन के लिए आमेर मावठा ले जाया गया। जयपुर कालीबाड़ी सोसायटी मालवीय नगर सेक्टर-10 स्थित कालीबाड़ी पार्क में महादशमी का पूजन किया गया। इसके बाद सिंदुर उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं ने दुर्गा माता को सिंदूर अर्पित की, इसके बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाया गया। इस बीच महिलाओं ने नाचते हुए माता को विदाई दी। इसके बाद माता को विसर्जन के लिए पदमपुरा स्थित बरखेड़ा डेम में ले जाया गया। दा जयपुर दुर्गाबाड़ी एसोसिएशन की ओर से बनीपार्क स्थित दुर्गाबाड़ी में दुर्गा पूजा महोत्सव सुबह सिंदूर खेला का आयोजन हुआ। इसमें महिलाओं ने माता को सिंदूर अर्पित किया, उसके बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाया। इसके साथ ही माता को विदाई दी गई। बंगाली समाज जन कल्याण समिति की ओर से ब्रह्मपुरी के इन्द्रपुरी कॉलोनी स्थित श्रीगोरांग महाप्रभु मठ में दुर्गा पूजा महोत्सव में दशमी की पूजा हुई। देापहर में दर्शप व सिंदूर उत्सव हुआ, जिसमें महिलाओं ने माता को सिंदूर अर्पित कर एक-दूसरे को सिंदूर लगाया। इसके बाद शाम को मूर्ति विसर्जन के लिए माता को कानोता बांध पर ले जाया गया।