
Brahma Mandir Pushkar
जयपुर.
राजस्थान की राजधानी जयपुर के दक्षिण पश्चिम में अजमेर के पास तीर्थनगरी पुष्कर स्थित है। अरावली पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित पुष्कर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। हिंदुओं के लिए तो पुष्कर बहुत महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। पुष्कर को भगवान ब्रह्मा का निवास स्थान भी कहा जाता है। पुष्कर दरअसल भगवान ब्रह्मा के एकमात्र मंदिर के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। मन्दिर के बगल में ही एक झील है जिसे पुष्कर झील कहा जाता है। धार्मिक नजरिए से पुष्कर झील का भी बहुत महत्व है. यह पवित्र झील के रूप में जानी जाती है, जहां स्नान से पुण्यलाभ मिलता है।
त्रिदेवों में से एक देव ब्रह्माजी को सृष्टि का रचयिता माना गया है। मान्यता है कि सरस्वतीजी ने ब्रह्माजी को श्राप दे दिया था कि पृथ्वी के लोग कभी उनकी पूजा नहीं करेंगे। बाद में उन्हें अपनी भूल का अहसास हुआ तो उन्होंने कहा कि ब्रह्माजी पुष्कर में पूजे जाएंगे। एक अन्य मत के अनुसार ब्रह्माजी के मानस पुत्र नारद ने उन्हें भुला दिए जाने का यह श्राप दिया था। यही कारण है कि पुष्कर के अलावा और कहीं भी ब्रह्माजी का मंदिर नहीं है।
चांदी के सिक्कों से सजा है मंदिर
ब्रह्माजी का यह मंदिर चमक दमक से युक्त है। ब्रह्माजी का एकमात्र मंदिर होने से यह यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण है। मंदिर का निर्माण संगमरमर पत्थर से हुआ है; मंदिर का प्रवेश द्वार भी संगमरमर का है पर दरवाजे चांदी के बने हैं। मंदिर को चाँदी के सिक्कों से सजाया गया है। चाँदी के ये सिक्के कई धर्मात्माओं ने दान में दिए थे और इनपर दानदाता के नाम भी खुदे हुए हैं। मंदिर की दीवालों पर भी दानदाताओं के नाम लिखे गए हैं। मंदिर के फर्श पर एक रजत कछुआ भी है। यहां माता गायत्री की प्रतिमा के साथ ब्रह्माजी की चार मुखों वाली मूर्ति स्थापित है।
Published on:
05 Mar 2020 02:11 pm
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