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170 करोड़ का बीआरटीएस हटना शुरू, अब 30 करोड़ और आएगा खर्चा

वर्षों से अनुउपयोगीपड़े बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरिडोर को हटाने का काम शनिवार से शुरू हो गया। सीकर रोड से इसकी शुरुआत की गई है। पहले दिन करीब 500 मीटर में लोहे की जालियों को हटाया गया। पहले चरण में रोड नम्बर 12 से नौ के बीच के कॉरिडोर को हटाया जा रहा है। डिवाइडर बनाने का काम भी शुरू हो गया है। सभी जगह से अगले तीन माह में कॉरिडोर को हटाने का दावा किया जा रहा है। अभी वाहन 10.50 मीटर की सड़क (एक ओर) पर चल रहे हैं। कॉरिडोर हटने के बाद 13 मीटर (एक ओर) सड़क मिलेगी। साथ ही 3.80 मीटर के मीडियन के ऊपर भविष्य में मेट्रो दौड़ती नजर आएगी।

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जयपुर

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GAURAV JAIN

Apr 20, 2025

वाहन चलने के लिए मिलेगी 10.50 मीटर सड़क, डिवाइडर के ऊपर चलेगी मेट्रो

गुलाबी नगर के लिए बीआरटीएस का मतलब बजट रॉबिंग ट्रांसपोर्ट स्कीम बनकर रह गया

जयपुर. वर्षों से अनुउपयोगीपड़े बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरिडोर को हटाने का काम शनिवार से शुरू हो गया। सीकर रोड से इसकी शुरुआत की गई है। पहले दिन करीब 500 मीटर में लोहे की जालियों को हटाया गया। पहले चरण में रोड नम्बर 12 से नौ के बीच के कॉरिडोर को हटाया जा रहा है। डिवाइडर बनाने का काम भी शुरू हो गया है। सभी जगह से अगले तीन माह में कॉरिडोर को हटाने का दावा किया जा रहा है। अभी वाहन 10.50 मीटर की सड़क (एक ओर) पर चल रहे हैं। कॉरिडोर हटने के बाद 13 मीटर (एक ओर) सड़क मिलेगी। साथ ही 3.80 मीटर के मीडियन के ऊपर भविष्य में मेट्रो दौड़ती नजर आएगी।

गुलाबी नगर के लिए यह कॉरिडोर बजट रॉबिंग ट्रांसपोर्ट स्कीम (बजट लूटने वाली परिवहन योजना) बनकर रह गया। जनता को इसका कोई फायदा नहीं मिला। इसे बनाने में 170 करोड़ रुपए का भारी-भरकम बजट खर्च किया और अब इसको हटाने में 30 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यानी लोगों को सुविधा मिली नहीं और दो दशक में 200 करोड़ रुपए की चपत लगा दी गई।

इसका काम बाद में

सीकर रोड स्थित रोड नम्बर-12 से 14 बीच एनएचएआइ अंडरपास बनाएगा। जब अंडरपास पूरा हो जाएगा, उसके बाद जेडीए कॉरिडोर को हटाएगा।

ऐसे होगा उपयोग

सीकर रोड:अम्बाबाड़ी से सीकर रोड तक 7.2 किमी का कॉरिडोर बनाया गया था। इस पर 75 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।

अब ये होगा: मेट्रो रूट को देखते हुए मीडियन 3.80 मीटर तक रखा जाएगा।

न्यू सांगानेर: अजमेर रोड होते हुए न्यू सांगानेर रोड पर करीब नौ किमी का कॉरिडोर बनाया गया था। इस पर करीब 95 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।

अब ये होगा: 200 फीट बाइपास पर अंडरपास प्रस्तावित है। ऐसे में अजमेर रोड पर कॉरिडोर की उपयोगिता नहीं बचेगी। इसी तरह 200 फीट से मानसरोवर मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो का काम एलिवेटेड कॉरिडोर में चल रहा है। न्यू सांगानेर रोड का कॉरिडोर कई वर्ष से बंद पड़ा है।

इसलिए व्यवस्था हो गई फेल

पूरा बनाने के साथ इसे रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशन के साथ नहीं जोड़ा गया।

कॉरिडोर के लिए डेडिकेटेड बसों का संचालन नहीं हो पाया। रूट भी निर्धारित नहीं किया गया।

अधूरा होने की वजह से लोग अपनी मनमर्जी से इस्तेमाल करने लगे। इससे हादसे बढ़ गए।