ये विधायक हुए थे कांग्रेस में शामिल—
प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में तिजारा से संदीप यादव, नगर से वाजिब अली, किशनगढबास से दीपचंद खेरिया, करौली से लाखन मीणा, नदबई से जोगेन्द्र अवाना और उदयपुर वार्टी से राजेन्द्र गुढा ने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। सभी विधायक सितम्बर 2019 में बसपा छोडकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने बसपा विधायक दल के कांग्रेस में विलय को मंजूरी दी थी। इसके बाद बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद और भाजपा विधायक मदन दिलावर ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर हाईकोर्ट में दी चुनौती दी थी।
प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में तिजारा से संदीप यादव, नगर से वाजिब अली, किशनगढबास से दीपचंद खेरिया, करौली से लाखन मीणा, नदबई से जोगेन्द्र अवाना और उदयपुर वार्टी से राजेन्द्र गुढा ने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। सभी विधायक सितम्बर 2019 में बसपा छोडकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने बसपा विधायक दल के कांग्रेस में विलय को मंजूरी दी थी। इसके बाद बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद और भाजपा विधायक मदन दिलावर ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर हाईकोर्ट में दी चुनौती दी थी।
अदालत की पिछली सुनवाई में बसपा ने कहा था कि इन विधायकों का दल-बदल करके कांग्रेस पार्टी में शामिल होना पूरी तरह से असंवैधानिक है। पार्टी ने मीडिया में भी ये आरोप लगाया था कि पार्टी के 6 विधायकों को सत्ता का लालच दिखाकर कांग्रेस में शामिल करने कराया गया है। बसपा को उम्मीद है कि शीर्ष अदालत में अपना पक्ष मजबूती के साथ रखेगी और फैसला उसके पक्ष में आएगा।