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बुद्ध पूर्णिमा 2018: भगवान विष्णु के नौवें अवतार थे महात्मा बुद्ध, दिए थे ये चार महत्वपूर्ण आर्यसत्य

महात्मा बुद्ध ने जो चार आर्यसत्य दिए, वे जानना आज हर एक के लिए जरूरी है।

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जयपुर

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Nidhi Mishra

Apr 28, 2018

Buddha purnima 2018- four Arya Satya of Mahatma Buddha

Buddha purnima 2018- four Arya Satya of Mahatma Buddha

जयपुर। महात्मा बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार थे। वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन बौद्ध पूर्णिमा होती है। इस साल 30 अप्रेल को ये पूर्णिमा मनाई जाएगी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस दिन को उनकी ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में जाना जाता है। भगवान बुद्ध ने अपने उपदेश में चार तरह के आर्यसत्य बताए थे। इन चार आर्यसत्यों का पालन करना मनुष्य के लिए अनिवार्य माना गया है। ये चार आर्यसत्य इस प्रकार हैं—

दुःख है
बुद्ध के अनुसार पहला आर्यसत्य है कि 'संसार में दुःख है।' महात्मा बुद्ध ने मनुष्यों को पहला आर्यसत्य यही दिया था। इस आर्यसत्य के माध्यम से महात्मा बुद्ध ने बताया कि इस संसार में कोई भी ऐसा मनुष्य या जीव नहीं है, जिसे किसी प्रकार का दुख ना हो। इसलिए हमेशा दुख में भी सुखी रहना चाहिए।

दुःख का एक कारण होता है
महात्मा बुद्ध ने कहा कि हर दुख का कारण है। अपने दूसरे आर्यसत्य में बुद्ध ने कहा कि बताया कि दुःख का मुख्य कारण तृष्णा होती है। इसलिए किसी भी चीज के लिए तृष्णा का भाव नहीं रखना चाहिए।

दुःख है तो निवारण भी है
तीसरे आर्यसत्य में महात्मा बुद्ध ने कहा कि संसार के सारे दुखों के निवारण भी हैं। यानी दुख है तो उसका निवारण भी है।


दुःख निवारण का उपाय
महात्मा बुद्ध ने चौथा आर्यसत्य बताया कि दुख है तो निवारण है और निवारण का उपाय भी है। संसार के सारे दुखों के निवारण मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि दुःख समाप्त करने के लिए इंसान को अष्टांगिक मार्ग से परिचित होना चाहिए।


बुद्ध पूर्णिमा के दिन इन चारों आर्यसत्यों को आत्मसात करना चाहिए। इन्हें अपनाने से आपके जीवन के दुख कभी आपको विचलित नहीं कर पाएंगे। आर्यसत्य का पालन हर इंसान के लिए जरूरी है। जीवन में सुखी और संतुष्ट रहने के लिए ये आर्यसत्य बड़े उपयोगी हैं।