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राजस्थान में भी यहां भगवान से मिलने के लिए पूरे परिवार ने उठाया था ऐसा खौफनाक कदम, आस्था और तंत्र-मंत्र ने ऐसे ली थी कई जान

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जयपुर

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Dinesh Saini

Jul 06, 2018

Suicide

जयपुर। दिल्ली के Burari इलाके में अंधविश्वास के चलते एक घर में हुए 11 लोगों के सामूहिक आत्मदाह ने पूरे देश को हिला रखा है। वैसा ही सामूहिक आत्मदाह राजस्थान में भी हो चुका है। सवाई माधोपुर जिले में अंधविश्वास के जहर ने एक ही परिवार के 5 लोगों की जान ले ली थी। गंगापुर सिटी के एक फोटोग्राफर ने भगवान से मिलने की चाह में परिवार के साथ सायनाइड लडडू खाकर खुदकुशी कर ली थी। उस व्यक्ति ने इस खुदकुशी का एक वीडियो भी बनाया था। इस वीडियो में वो बता रहा है कि उसने भगवान से मिलने की पूरी कोशिश की लेकिन भगवान उसे नहीं मिले। इसलिए वो भगवान से मिलने के लिए परिवार सहित सायनाइड खाकर जान दे रहा है।

पूरा परिवार आस्था, तंत्र-मंत्र में था मग्न
गंगापुर सिटी में कंचन सिंह का फोटोग्राफी का कारोबार था। कंचन सिंह ने खुद अपने हाथों से इस मौत के मंजर को वीडियो में कैद किया। ये वीडियो ही 5 लोगों की मौत का सबूत और गवाह दोनों था। भगवान से मिलने की चाह में उसने पूरे परिवार को शामिल कर लिया। जिसमें उसका एक इंजीनियर भाई भी मौजूद था। कंचन सिंह का पूरा परिवार आस्था, तंत्र-मंत्र और पूजा पाठ में मग्न था। पूरा परिवार सिर्फ धार्मिक सीरियल ही देखता था। वीडियो से खुलासा हुआ तो पता चला कि भगवान शिव से इतनी लगन थी कि उनसे जुड़े एक सीरियल के तमाम किरदार तो बच्चों के दिमाग में बैठे थे।


मौत से पहले बनाया वीडियो, सबसे पूछा क्यों चाहते हो मरना
सामुहिक खुदकुशी से पहले कंचन सिंह ने परिवार के हर सदस्य का वीडियो बनाया और सबसे पूछा कि वो क्यों मरना चाहता है, मरने के बारे में उसके विचार क्या हैं। पूरा परिवार एक साथ पूजा की वेदी पर बैठा था।

खुशी-खुशी खाएं जहरीले लड्डू
कंचन सिंह ने सबको अपने हाथों से साइनायड मिला लड्डू दिया। लड्डू खाने तक भी किसी भी शख्स को मौत का खौफ नहीं था। हर सदस्य ने खुशी-खुशी लड्डू खाया और मिनटों में परिवार के पांच सदस्यों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इनमें कंचन सिंह, उसकी पत्नी, भाई, बेटा और बेटी शामिल थे।

भांजी पहुंची पड़ोसियों के पास
ऐसे में परिवार के सदस्यों को मरता देख कंचन सिंह की भांजी पड़ोसियों के पास जा पहुंची और पड़ोसियों को मौके पर बुला लिया। तब कंचन सिंह की मां और भतीजे की सांस चल रही थी। तब हुई इस घटना ने राजस्थान सहित पूरे देश को लिहा दिया था। इस घटना से मनोवैज्ञानिक भी सकते में आ गए थे कि कैसे अंधविश्वास ने पूरा हंसते-खेलते परिवार को मौत की नींद सुला दी।