
मार्च बाद बीवीजी को बाहर का रास्ता दिखाएगी ग्रेटर नगर निगम, काम से ना जनता खुश, ना जनप्रतिनिधि
ग्रेटर नगर निगम के लिए बीवीजी कंपनी गलफांस बन चुकी है। इस गले की फांस को बाहर का रास्ता दिखाने की दिशा में काम शुरू हो गया है। मगर इस काम में अभी एक महीने का वक्त लगेगा। मार्च बाद डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम नगर निगम ग्रेटर अपने हाथ में लेगा।
बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव की फटकार के बाद नगर निगम प्रशासन ने बीवीजी कंपनी को पेमेंट की बात कहकर मना लिया और हड़ताल खत्म करवा दी। मगर अब निगम प्रशासन नहीं चाहता कि कंपनी को ज्यादा दिन तक रखा जाए। कोर्ट से राहत मिल ही चुकी है, इसलिए जल्द ही कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाकर निगम अपने स्तर पर सफाई शुरू करेगा। गौरतलब है कि 28 जनवरी 2021 को बीवीजी का करार रद्द करने का प्रस्ताव साधारण सभा में पारित किया गया था, लेकिन कंपनी ने इस निर्णय पर स्टे ले आई। इसी वर्ष दो फरवरी को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बीवीजी कंपनी के राहत देने से मना कर दिया।
अभी निगम के पास संसाधनों का अभाव
ग्रेटर नगर निगम प्रशासन के पास फिलहाल संसाधनों का अभाव है। हूपरों की संख्या महज 62 है, जबकि आवश्यकता 300 से ज्यादा हूपर की है। ऐसे में इन संसाधनों को जुटाने की दिशा में काम शुरू हो गया है। अभी बीवीजी कंपनी ने 320 हूपर ग्रेटर नगर निगम में घर—घर कंचरा संग्रहण के लिए लगा रखे हैं।
महापौर पति राजाराम को जाना पड़ा था जेल
बीवीजी कंपनी से 20 करोड़ रुपए के कथित लेनदेन को लेकर ग्रेटर नगर निगम महापौर सौम्या गुर्जर के पति को भी जेल जाना पड़ा था। यही नहीं कंपनी के पेमेंट के विवाद के चक्कर में खुद सौम्या गुर्जर को सरकार ने महापौर पद से निलंबित कर दिया था। ऐसे में महापौर भी कंपनी को बाहर करना चाहती हैं।
Published on:
03 Mar 2022 10:09 am
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