29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मीसा बंदियों की पेंशन बंद कर सरकार ने उड़ाया लोकतंत्र का मजाक

कैबिनेट ( Rajasthan Cabinet Meeting ) ने प्रदेश में मीसा बंदियों ( Misa Bandi Pension ) की पेंशन को बंद कर दिया है। इस फैसले को भाजपा ने अविवेकपूर्ण निर्णय करार दिया है। नेताओं ने यह तक कहा कि सरकार स्वीकार कर ले कि इंदिरा गांधी ( Indira Gandhi ) ने देश में जो आपातकाल ( Emergency ) लगाया वो सही थी।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Umesh Sharma

Oct 14, 2019

मीसा बंदियों की पेंशन बंद कर सरकार ने उड़ाया लोकतंत्र का मजाक

मीसा बंदियों की पेंशन बंद कर सरकार ने उड़ाया लोकतंत्र का मजाक

जयपुर।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि हिन्दुस्तान में तानाशाही के खिलाफ सबसे बड़ा आंदोलन था, जिसमें असंख्य लोग जेलों मे रहे यातनाएं झेली।यह बड़ा संघर्ष था। इस संघर्ष में शामिल लोगों के परिवारों पर रोजी-रोटी का संघर्ष खड़ा हुआ तो उनको सम्बल देने के लिए मीसा बंदियों की पेंशन शुरू की गई। शर्म आती है एेसी सरकार पर जो लोगों के मुंह से निवाला छीनना चाहती है। उनके पेंशन पर रोक एक बार फिर अपनी ओछी मानसिकता का परिचय उन्होंने दिया है। इसका फल इसी सरकार में भुगतना पड़ेगा।

इमरजेंसी सही थी, स्वीकार करे सरकार
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सरकार का अविवेकपूर्ण निर्णय है। सरकार यह कहे कि आपातकाल लगना सही था। उस समय इंदिरा गांधी के खिलाफ जिसने भी प्रतिक्रिया दी, उनको 18 महीने जेल में रखा। क्या दोष था जेल में जाने वाले लोगों का। आज जो लीडर है, उनके एक भी बता दो जो जेल जाकर आया हो। इमरजेंसी पर सेंसरशिप को बचाने के लिए 14 नवंबर 1975 को आंदोलन छेड़कर जेल की सींखचों में भेजा। ये आंदोलन साधारण आंदोलन नहीं है। आंदोलन करके अपने परिवार को कष्टों में डाला था। नौकरियां खत्म हुई। राज्य सरकार स्वीकार कर लें कि इंदिरा गांधी इमरजेंसी सही लगाई थी। हिन्दुस्तान की जनता निर्णय कर देगी।

लोकतंत्र के साथ मजाक
विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि तानाशाही ताकतों ने भारत में आपातकाल लगाया था। इसके खिलाफ लोकतांत्रिक व्यवस्था के समर्थक एकजुट हुए थे, जिन्होंने सत्याग्रह किया था। देश की आजादी के बाद लोकतंत्र बचाने का यह सबसे बड़ा आंदोलन था। इन्हें लोकतंत्र के सेनानी माना गया था और इनके लिए पेंशन भी शुरू की गई। खुद सोनिया गांधी ने आपातकाल को कांग्रेस की भूल माना था, एेस में सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन बंद करके लोकतंत्र का मजाक उड़ाया है। सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए, नहीं तो जनता इन्हें माफ नहीं करेगी।