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कैफे: जहां विशेष किशोर और युवा ही परोसते हैं ‘भोजन’

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मानसिक रूप से कमजोर किशोर और युवाओं की ओर से चलाया जा रहा कैफे आई कैन फ्लाई चर्चा में है।

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पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मानसिक रूप से कमजोर किशोर और युवाओं की ओर से चलाया जा रहा कैफे आई कैन फ्लाई चर्चा में है। इस कैफे के माध्यम से मानसिक रूप से कमजोर किशोर व युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। यहां विशेष किशोर-युवा ग्राहकों को भोजन परोसते हैं। कैफे के एक स्टाफ सदस्य का कहना है कि उसके माता-पिता कभी-कभार यहां आते हैं, लेकिन मेरे काम को देखकर हैरान हो जाते हैं।

जरा हटकर है यह कैफे

विशेष जरूरत वाले किशोर और युवाओं का यह कैफे देश में अनोखा है। 15 से 32 आयु वर्ग के किशोर और युवाओं को यहां कला-शिल्प, कंप्यूटर डेटा, वित्तीय कौशल विकास जैसे विभिन्न कौशल सीखने के अलावा संगीत, नृत्य, योग, खेल और कई अन्य शौक को पूरा करने का अवसर भी मिलता है।

कैफे खोलने की प्रेरणा छोटी बेटी से मिली

कैफे साइकोथेरेपिस्ट मीनू बुधिया और उनकी बेटी प्रियम के दिमाग की उपज है। मीनू को इस कैफे को खोलने की प्रेरणा छोटी बेटी प्राची से मिली, जो स्पेशल नीड वाली बच्ची है। मीनू का कहना है, प्राची ने उन्हें न केवल बदलाव लाने बल्कि खुद को बदलने के लिए भी प्रेरित किया। पहले एक मनोवैज्ञानिक कल्याण केंद्र केयरिंग माइंड्स के साथ शुरुआत की थी, जो विशेष रूप से बच्चों और विशेष जरूरत वाले वयस्कों के लिए है। बाद में कैफे विकसित हुआ, जो विशेष जरूरत वाले किशोर और युवाओं के लिए व्यावसायिक कौशल विकसित करता है।

दुनिया में 8 में से 1 व्यक्ति मानसिक रोगी

डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया में हर 8 में से एक व्यक्ति को कोई न कोई मानसिक रोग है। मनोचिकित्सक डॉ. अर्नब घोष हाजरा और डॉ. सग्निक मुखर्जी का कहना है, कोरोना के बाद मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं में तेजी से उछाल आया है, खासकर कम उम्र के लोगों में तनाव-चिंता और गंभीर स्थितियों में अवसाद की समस्या देखी गई।