
जयपुर। लेखिका रुद्रिता श्रॉफ ने एक नई दिशा में बच्चों के मानसिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जयपुर आर्ट वीक के तहत पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट ऑफ इंडिया के मुख्यालय में उनकी किताब आर्ट फॉर बेबी का लॉन्च हुआ, जिसे खास तौर पर 3 साल तक के बच्चों के लिए डिजाइन किया गया है। रुद्रिता ने अपनी इस पहल के माध्यम से बच्चों के पहले 1000 दिनों के महत्व को समझाने का प्रयास किया है, जो कि उनके मानसिक और मस्तिष्कीय विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।
यह किताब बच्चों को कला के माध्यम से उनके मानसिक विकास की प्रक्रिया में शामिल करती है। रुद्रिता के मुताबिक, बच्चों को जन्म के समय से ही रंगों और कला के संपर्क में लाना चाहिए, ताकि उनका मस्तिष्क सक्रिय रहे और उनकी सोचने-समझने की क्षमता विकसित हो। इस पुस्तक में विभिन्न प्रसिद्ध कलाकारों की पेंटिंग्स और फोटोग्राफ्स को शामिल किया गया है, जैसे कि ध्रुवी आचार्य, ज्योत्सना भट्ट, जोगन चौधरी, शिल्पा गुप्ता, एनएस हर्षा, रीना सैनी, मनीष नाई और कई अन्य कलाकारों की कृतियाँ, जो बच्चों के दिमागी विकास में मददगार साबित हो सकती हैं।
रुद्रिता का यह विचार उनकी दादी से प्रेरित है, जिनका कला के प्रति प्रेम था और जिन्होंने बच्चों के मानसिक विकास के लिए काले और सफेद स्केच का इस्तेमाल किया। वह बताती हैं कि उनके बचपन में उनकी दादी बच्चों के लिए साधारण फ्लैश कार्ड के बजाय इन स्केच का उपयोग करती थीं, जो न केवल बच्चों के लिए एक रोचक अनुभव था, बल्कि उनके सोचने की प्रक्रिया को भी उत्तेजित करता था।
इस परियोजना का उद्देश्य बच्चों को कला के माध्यम से शिक्षा देना और उनका मानसिक विकास सुनिश्चित करना है। रुद्रिता का यह विचार उनके शोध पर आधारित है, जिसमें उन्होंने पाया कि पहले 1000 दिनों में बच्चों के मस्तिष्क का विकास बहुत तेजी से होता है, और इस समय में उनकी सोच और समझ को आकार दिया जा सकता है।
रुद्रिता और उनके साथ जुड़े कलाकारों ने इस पुस्तक के माध्यम से बच्चों को एक नए दृष्टिकोण से कला से जोड़ा है, ताकि उनका मानसिक विकास सुनिश्चित हो सके। यह किताब बच्चों को न केवल कला से परिचित कराती है, बल्कि उनके विकास की प्रक्रिया को भी एक नया मोड़ देती है।
Updated on:
04 Feb 2025 03:03 pm
Published on:
04 Feb 2025 02:42 pm
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