राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 25 और 26 जून को आरएएस मुख्य परीक्षा का आयोजन किया था। यह परीक्षा भी कई पेचीदगियों के बाद संभव हो पाई। राजस्थान हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने बीते अप्रेल में आरएएस प्रारंभिक परीक्षा-2018 के प्रश्न संख्या 11 और 22 को हटाने सहित नए सिरे से परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे। इसके खिलाफ आयोग ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में याचिका दायर की। खंडपीठ ने बीती 29 मई को सिंगल बैंच के फैसले को निरस्त (क्वैश) किया। तब जाकर मुख्य परीक्षा संभव हो पाई। मालूम हो कि यह परीक्षा 2018 पदों की भर्ती के लिए कराई गई है।
आसान नहीं परिणाम निकालना आरएएस मुख्य परीक्षा हुए एक महीना बीत चुका है। राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य परीक्षा के परिणाम निकालने पर रोक कायम है। इसके खिलाफ खुद आयोग ने एसएलपी दायर की है। अव्वल तो इनका हाईकोर्ट स्तर पर निस्तारण होना है। इसके अलावा आयोग जल्दबाजी में अभ्यर्थियों की कॉपियां जांचने और परिणाम तैयार करने का इच्छुक नहीं है। अध्यक्ष दीपक उप्रेती चाहते हैं, कि साल 2018 की आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती त्रुटिरहित हो। साथ ही अभ्यर्थियों के पदस्थापन में कार्मिक विभाग को भी परेशानियां नहीं आए।
2020 से पहले नहीं संभव
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद परीक्षा परिणाम जारी करने, साक्षात्कार कार्यक्रम तय करने और उसे पूरा करने में आयोग को चार से पांच माह लग सकते हैं। ऐसी स्थिति में साल 2020 में ही भर्ती प्रक्रिया पूरा हो सकेगी। इस दौरान किसी याचिका या अन्य कोई पेच नहीं आया तो ही अभ्यर्थियों को पदस्थापन मिल सकेंगे।