
नीमकाथाना पुलिस की ओर से हिरासत में मारपीट के चलते युवक की मौत के मामले में सीबीआई ने उप अधीक्षक तेजपाल, एसएचओ नवल किशोर मीणा और सब इंस्पेक्टर लाल सिंह को अपनी रिपोर्ट में दोषी माना। शुक्रवार को हाईकोर्ट को सीबीआई ने बताया कि स्टेट्स रिपोर्ट तैयार है और वह पेश करना चाहते है। उधर, अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी ने न्यायालय से निवेदन किया की प्रमुख सचिव गृह को न्यायालय में उपस्थित होने के आदेश दिए जाएं क्योंकि वे हत्या के अपराधियों को बचा रहे है। प्रकरण की सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी।
यह था मामला
नीमकाथाना पुलिस ने 7 अप्रैल 2016 को बलकेश मीणा को चोरी के मामले में जबरन उठाया था। वहीं, पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी 10 अप्रैल को दिखाई। पुलिस की मारपीट के चलते उसे 17 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 19 अप्रैल को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
सुनवाई नहीं होने पर सुरेश मीणा ने अपने अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी के जरिए राजस्थान उच्च न्यायालय में सीबीआई से जांच कराने के लिए फौजदारी याचिका पेश की। 16 मई 2017 को राजस्थान हाईकोर्ट ने सीबीआई दिल्ली को इस प्रकरण में जांच करने के आदेश दिए थे। सीबीआई ने एक सितंबर 2017 को धारा 143 और 302 के तहत रिपोर्ट दर्ज की और जांच के बाद 30 अक्टूबर 2019 को एसएचओ नवल किशोर मीणा, डीएसपी तेजपाल सिंह और सब इंस्पेक्टर लाल सिंह के खिलाफ अपराध साबित होने पर सहायक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीआई जयपुर में चार्जशीट प्रस्तुत की और डॉक्टर एमएस ***** के खिलाफ विभागीय जांच की सिफारिश की।
नहीं मिली अभियोजन स्वीकृति
सीबीआई ने राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति के लिए कहा, लेकिन मुख्य सचिव व प्रमुख गृह सचिव से कहने के बाद भी अभी तक अभियोजन स्वीकृति जारी नहीं की गई।
Published on:
02 Dec 2023 01:06 am
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