
CBSE 10th Result 2019 : इन Toppers ने रोशन किया जयपुर का नाम, पढ़ें इनकी Success Stories
जयपुर। किसी भी परीक्षा में टॉप आना आसान नहीं है.. टॉप करने के लिए जरुरी है कड़ी मेहनत, लगन और शिक्षकों व परिवार का सहयोग। मेहनत के बीच विषम परिस्थितियां भी आएंगी, लेकिन जो फिर भी मेहनत के साथ खड़ा रहता है उसे ही सफलता मिलती है। पढि़ए, cbse 10th Toppers 2019 की कहानी -
बास्केटबॉल और बैडमिंटन खेलकर करती थी स्ट्रेस दूर
मेखला गुप्ता : 98 प्रतिशत
मम्मी मुझे अक्सर कहती थी कि स्टडी के बीच-बीच में गार्डन में खेलकर आया करो। मैं ठीक ऐसा ही करती थी, जब भी स्टडी का स्ट्रेस होता तो मैं गार्डन में जाकर बास्केटबॉल और बैडमिंटन खेलती थी। स्टडी में टीचर्स की बनाई स्ट्रेटजी को फॉलो किया। मुझे इंग्लिश सब्जेक्ट सबसे अच्छा लगता हैं, मैं इंग्लिश में पोयम्स और स्टोरीज भी लिखती रही हूं। 10वीं के बाद 12वीं में टॉप करने पर फोकस रहेगा, इसके अलावा आईआईटी की तैयारी करूंगी। मैं अपनी सफलता का श्रेय पैरेंट्स के साथ-साथ टीचर्स को भी देती हूं, जिन्होंने मुझे पूरा सपोर्ट किया है। मैं सोशल मीडिया को यूज नहीं करती। मुझे लगता है कि एक बार यदि हम सोशल मीडिया पर एक्टिव होते हैं, तो बहुत ज्यादा टाइम खराब होता है, साथ ही हम पढ़ाई से भी डिस्ट्रेक्ट होते हैं।
खुश खंडेलवाल : 98 प्रतिशत
एग्जाम में स्ट्रेस फ्री रहने के लिए स्टडी और क्रिकेट अहम
मैं रोज चार से पांच घंटे तक स्टडी करता था। मुझे लगता है कि यदि रैगुलर स्टडी की जाए तो एग्जाम टाइम में किसी तरह का बर्डन नहीं रहेगा। स्टडी के दौरान प्रीबोड्र्स में मुझे फ्रें च में बहुत कम माक्र्स मिले थे। लेकिन मैं उन नम्बरों से डिमोटिवेट नहीं हुआ। मैंने उसके लिए ज्यादा से ज्यादा मेहनत की और फाइनल एग्जाम में 99 अंक लेकर आया। मैं अपने नम्बर्स से बहुत खुश हूं। मेरा लक्ष्य आइआइटी है, जिसके लिए अभी से तैयारी कर रहा हूं। 10वीं के रिजल्ट ने मुझे काफी उत्साहित किया है। पढ़ाई के अलावा मैं रैगुलर रूप से क्रि केट भी खेलता हूं। क्रिकेट ने मुझे कभी भी नहीं थकाया। मैं जब भी पढ़ाई करते-करते थक जाता था, तो क्रिकेट खेलने लगता। मुझे लगता है कि बच्चे बोर्ड का नाम सुनते ही स्ट्रेस में आ जाते हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए। बच्चों को स्टडी के साथ-साथ गेम्स पर भी ध्यान रखना चाहिए।
दिव्यांश भट्ट : 98.4 प्रतिशत
साइंस और मैथ्स के साथ लैंग्वेज पर रखा पूरा फोकस
स्टूडेंट्स हिन्दी, इंग्लिश जैसी लैंग्वेज सब्जेक्ट्स पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। जबकि इन सब्जेक्ट्स के माक्र्स बहुत ज्यादा अहमियत रखते हैं। इन सब्जेक्ट्स से प्रतिशत बिगड़ जाता है। मैंने साइंस और मैथ्स के साथ इन सब्जेक्ट्स पर पूरा फोकस रखा। भविष्य में आईआईटी का सपना देख रहा हूं। 10वीं बोर्ड में भी मैंने सेल्फ स्टडी पर फोकस रखा। रैगुलर स्टडी को महत्वपूर्ण मानकर हमेशा स्टडी को प्लानिंग की। आगे तो और भी हार्ड वर्क करूंगा, ताकि मनपसंद के कॉलेज में एडमिशन मिल सके।
Published on:
07 May 2019 05:09 pm
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