
cbse exam 2020
जयपुर। सीबीएसई ने कोचिंग संस्थानों के प्रति कड़ा रुख अपनाया है। खासकर उन स्कूलों के प्रति जिन्होंने स्कूल परिसर में ही कोचिंग संस्थान खोले हुए हैं। बोर्ड ने इन स्कूलों से कहा कि है वे अपने कोचिंग संस्थान बंद करें। साथ ही सीबीएसई ने शिक्षकों से भी कहा है कि स्कूलों में ही बच्चों को पढ़ाएं, बाहर कोचिंग में पढ़ाने नहीं जाएं। साथ ही सीबीएसई ने स्कूलों से भी गारंटी मांगी है कि उनके यहां का कोई भी शिक्षक कोचिंग क्लासेज में नहीं पढ़ाते हैं।
बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है स्कूल परिसर में व्यावसायिक गतिविधियां चलाना बोर्ड के नियमों के खिलाफ है। बोर्ड ने एफीलेशन बायलॉज 2018 का हवाला देते हुए कार्रवाई करने की भी बात कही है। यदि कोई विद्यार्थी या अभिभावक उन पर कोचिंग क्लासेज ज्वाइन करने की शिकायत सीबीएसई से करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सीबीएसई को कई राज्यों से ऐसी शिकायत मिली है कि शिक्षक स्कूल में पूरा समय नहीं देते हैं और बच्चों व उनके अभिभावकों पर टयूशन या कोचिंग में पढ़ाने का दवाब बनाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। यदि कोई स्कूल ऐसा करेगा तो बोर्ड को शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ये करते हैं स्कूल संचालक
कई निजी स्कूल बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी से अधिक प्रतियोगी परीक्षा को महत्वपूर्ण बताते हैं। वे विद्यार्थियों को मेडिकल व इंजीनियर की पढ़ाई का दवाब बनाते हैं और महंगी कोचिंग कराते हैं।
ये होता है नुकसान
कोचिंग क्लासेज में हायर एजुकेशन और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है, इससे बच्चे स्कूल की पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते हैं। आठवीं नवीं कक्षा से ही उन्हें यह पढ़ाई शुरू करा दी जाती है, इससे अभिभावकों पर भी आर्थिक भार पड़ता है। बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम पर भी असर पड़ता है।
Updated on:
16 Dec 2019 09:28 am
Published on:
16 Dec 2019 09:26 am
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