भसीन ने शंभू सहित अन्य लोगों के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने का मामला दर्ज कराया है, जिसमें बताया कि कर्मचारी शंभू ने अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से सीजीएचएस कार्ड जारी कर दिए। 140 कार्ड फर्जी बनाए जाना सामने आया है। कार्ड बनाए जाने पर लिया जाने वाला शुल्क संबंधित बैंक खाते में जमा नहीं करवाकर हड़प लिया। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका में मंगलवार के अंक में ही आजीवन सदस्यता शुल्क जमा करवाया, दो साल में ही पेंशनर्स कार्ड फ्रीज शीर्षक से समाचार प्रका शित किया था। जिसमें पेंशनर्स ने भी उनकी रा शि के गबन का आरोप लगाया था।
आजीवन सदस्यता शुल्क जमा करवाया, दो साल में ही सीजीएचएस पेंशनर्स
कार्ड फ्रीज
सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) के अंतर्गत आने वाले कई पेंशनर्स से आजीवन सदस्यता शुल्क वसूल किए जाने के बावजूद एक या दो साल बाद ही उनके खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। ये पेंशनर्स इस शुल्क के रूप में 30 हजार से 54 हजार रुपए तक जमा करवा चुके हैं। सीजीएचएस जयपुर के अतिरिक्त निदेशक ने करीब 200 पेंशनर्स को नोटिस जारी कर कहा कि उनका 10 साल के लिए जमा योगदान समाप्त हो गया है। इसमें कहा गया कि अब एकाध साल या सदस्यता नवीनीकरण के बाद सीजीएचएस सुविधा बहाल कर दी जाएगी। पेंशनर्स 10 वर्ष तक अंशदान जमा करा चुके हैं। इसके लिए उन्हें आजीवन स्मार्ट कार्ड जारी किए हैं। इन कार्ड में सीजीएचएस जयपुर की ओर से रसीद संख्या, दिनांक और राशि भी प्रदर्शित की गई है। पेंशनर्स ने इस बारे में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राकेश भूषण, सीजीएचएस निदेशक निखिलेश चंद्रा और सीजीएचएस जयपुर की अतिरिक्त निदेशक मीता भसीन को भी पत्र लिखा है।
राशि का गबन हुआ भारतीय डाक सेवा से सेवानिवृत्त और टेलीकॉम पेंशनर्स एसोसिएशन राजस्थान के सचिव सत्यप्रकाश गुप्ता ने बताया कि इस तरह का रवैया स्वास्थ्य और जीवन के अधिकार से वंचित करने के बराबर है। उन्होंने कहा कि सीजीएचएस जयपुर को बिना समय गंवाए ऐसे सभी पेंशनर्स के सीजीएचएस कार्ड बहाल करने चाहिए। हमें लगता है कि जिन ई मित्रों से यह पैसा जमा करवाया गया है, वहां से राशि का गबन हुआ है। जिसकी जांच करवाई जानी चाहिए।