हैरानी की बात यह है कि संबंधित विभाग के अधिकारियों की शह पर बांध के बहाव और भराव क्षेत्र में कब्जे हो रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर नोटिस जारी कर दिया जाता है और उसके बाद कोई एक्शन नहीं होता।
खास-खास
-500 देशी-विदेशी पक्षियों से आबाद रहता है चंदलाई बांध
-85 लाख रुपए से पर्यटन सुविधाएं की जा रहीं हैं विकसित
कॉलोनी तक कर दी सृजित
पत्रिका टीम जब यहां पहुंची तो चौंकाने वाले हाल मिले। बांध के भराव क्षेत्र में ट्रकों से मिट्टी डाली जा रही थी। एक जगह तो बांध के बहाव क्षेत्र में भू-माफिया ने कॉलोनी तक काट दी। कुछ जगह निर्माण कार्य भी चल रहे थे।
खरीद रहे जमीन, कर रहे अतिक्रमण
बांध के बहाव व भराव क्षेत्र में अतिक्रमण करने के मामले पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो बांध के बहाव और भराव क्षेत्र को मिट्टी डालकर समतल कर दिया जाता है। इसके बाद समतल जमीन को महंगे दामों में बेच दिया जाता है। जेडीए की प्रवर्तन शाखा और जल संसाधन विभाग के अधिकारी अक्सर यहां आते हैं, लेकिन किसी ने भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
रसूख के बोझ तले दब गए नोटिस व रिपोर्ट
बांध के डूब क्षेत्र में फार्म हाउस, रिसोर्ट और मकान तक बन रहे हैं। जेडीए ने तो दस साल पहले यहां डूब क्षेत्र की जमीन को अप्रूव्ड कर दिया था। जल संसाधन विभाग ने कई बार नोटिस भी दिए गए। इसके साथ ही थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई, लेकिन भू-माफियों के रसूख के चलते पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
एक तरफ सौंदर्यीकरण, दूसरी तरफ अतिक्रमण
ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जल संसाधन विभाग सौंदर्यीकरण करवा रहा है। जबकि, दूसरी ओर बांध में अतिक्रमणों की बाढ़ आ रही है। विभाग की ओर से 85 लाख रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण करवाया जा रहा है।