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Chandra Grahan 2023: शरद पूर्णिमा पर चन्द्रग्रहण, आधी रात को 1 घंटा 18 मिनट तक ग्रहण होता दिखाई देगा चांद, जानें, कहां आएगा नजर

Chandra Grahan 2023: आश्विन शुक्ल पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा पर 28 अक्टूबर को इस बार मध्यरात्रि में खंडग्रास चंद्रग्रहण रहेगा। इस दिन मध्यरात्रि बाद रात 1:05 बजे से चंद्रग्रहण शुरू होगा, जो 2.23 बजे तक रहेगा।

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शरद पूर्णिमा पर चन्द्रग्रहण, आधी रात को 1 घंटा 18 मिनट तक ग्रहण होता दिखाई देगा चांद, जानें, कहां आएगा नजर

शरद पूर्णिमा पर चन्द्रग्रहण, आधी रात को 1 घंटा 18 मिनट तक ग्रहण होता दिखाई देगा चांद, जानें, कहां आएगा नजर

जयपुर। आश्विन शुक्ल पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा पर 28 अक्टूबर को इस बार मध्यरात्रि में खंडग्रास चंद्रग्रहण रहेगा। इस दिन मध्यरात्रि बाद रात 1:05 बजे से चंद्रग्रहण शुरू होगा, जो 2.23 बजे तक रहेगा। ग्रहण की अवधि 1 घंटा 18 मिनट रहेगी। ग्रहण का सूतक शाम 4 बजकर 5 मिनट से ही शुरू हो जाएगा।

ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि 33 साल बाद आश्विन शुक्ल शरद पूर्णिमा पर मध्यरात्रि में खंडग्रास चंद्रग्रहण रहेगा। यह ग्रहण भारत के संपूर्ण भू-भाग में दिखाई देगा। ग्रहण मध्यरात्रि बाद रात 1:05 बजे से शुरू होकर 2.23 बजे तक रहेगा। ग्रहण के मध्यकाल में चंद्रमा की रोशनी 13 प्रतिशत कम हो जाएगी, इस बीच चंद्रमा ग्रहण युक्त नजर आएगा।

खण्डग्रास चन्द्रग्रहण एक नजर
ग्रहण प्रारम्भ (स्पर्श) - मध्यरात्रि 1 बजकर 05 मिनट
ग्रहण मध्य - मध्यरात्रि 1 बजकर 44 मिनट
ग्रहण समाप्त (मोक्ष) - मध्यरात्रि 2 बजकर 23 मिनट
ग्रहण काल :- 1 घण्टा 18 मिनट

ग्रहण का सूतक शाम 4.05 बजे शुरू
इस ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 05 मिनट से प्रारम्भ होगा। सूतक प्रारम्भ हो जाने के बाद बालक, वृद्ध, रोगियों को छोड़कर धार्मिकजनों को भोजनादि नहीं करना चाहिए।

यहां दिखाई देगा चन्द्रग्रहण
भारत में खण्डग्रास चन्द्रग्रहण दिखाई देगा। यह ग्रहण भारत के साथ—साथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप सहित रूस, चीन, जापान, पाकिस्तान, श्रीलंका, इण्डोनेशिया, ईरान, ईराक, अफगानिस्तान, सऊदी अरब सहित एशिया महाद्वीप के सभी देशों और हिन्द महासागर, अटलाण्टिक महासागर व प्रशान्त महासागर में भी दिखाई देगा।

प्रकृति प्रकोप, भूकंप के बन रहे योग
राजकीय महाराज आचार्य संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. भास्कर शर्मा 'श्रोत्रिय' ने बताया कि आश्विन मास में शनिवार को चन्द्रग्रहण होने से कहीं प्रकृति-प्रकोप, भय, भूकम्प से जन-धन हानि होगी। लोहा, क्रूड ऑयल व लाल रंग की वस्तुओं में तेजी रहेगी। शासकों में मतभेद, वैद्य, डाक्टरों एवं व्यापारियों को कष्ट-पीड़ा बढ़ेगी। चीन, ईरान, ईराक, अफगानिस्तान आदि देशों में अशान्ति, भय व भूकम्प आदि की घटनाएं अधिक होगी।

ग्रहण का राशिफल, इनके लिए शुभ नहीं
यह खण्डग्रास चन्द्रग्रहण अश्विनी नक्षत्र व मेष राशि में घटित हो रहा है। अत: अश्विनी नक्षत्र व मेष राशि में उत्पन्न जातकों के लिए अशुभफल देगा। जिन्हें ग्रहण के समय चन्द्र—राहु के तथा अपनी राशि स्वामी मंगल के जाप करने चाहिए।

सूतक व ग्रहण काल में इनसे बचें
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि धर्मशास्त्रों में सूतक प्रारम्भ हो जाने के बाद मूर्ति स्पर्श, अनावश्यक भोजन, नाखुन काटना, तैलमालिश करना वर्जित बताया गया है। सूतक काल में बालक, वृद्ध, रोगी तथा गर्भवती स्त्रियां यथानुकूल भोजन या दवाई लेने में कोई दोष नहीं लगता है। ग्रहणकाल में पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी व फल दूषित हो जाते है, उन्हें नहीं खाना चाहिए। लेकिन तेल या घी से पका हुआ अन्न, घी, तेल, दूध, दही, लस्सी, पनीर, आचार, पटनी, मुरब्बा में तिल या कुशा रख देने से वे दूषित नहीं होते है। सूखे खाद्य पदार्थों जैसे - गेंहू, चना, दाल, आटा, चीनी आदि में कुशा या तिल डालने की जरूरत नहीं है।